________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatm.org Acharya Shri Kalassagasun Gyanmandir वाले गुहूर्ते चोत्थाय प्रत्यहं यः पठेन्नरः // ऐहिकामुष्मिकं सोपि लभते नात्रसंशयः।।१५१॥ संग्रामे सन्निविष्टानां चौरविद्रावणं परम् // ज्वरापस्मारशमनं गुल्मादीनां निवारणम् / / 352 / / मानाज्यमुखसंपतिदायकं जायते नृणाम् // त्वर्ग मोक्षं समामोति रामचन्द्रप्रसादतः / // 153 / / य इदं पठते नित्यं श्रावयेद्वा समाहितः // सर्वान्कामानशमोति वायुपुत्रप्रसादतः।। 154 / / इति ब्रह्माण्डपुराणे उत्तरखंडे , श्रीरामकृतं हनुमत्सहस्रनामस्तोत्रं संपूर्णम्॥अथ हनुमत्स्तोत्रप्रारम्भः॥ हनुमानुवाच // तिरश्चामपियोराजागमवायसमीयुषाम् // तथामुग्री। वमुख्यानांयस्तंबंद्यनमाम्यहम् // 3 // सकदेवप्रमन्नाय विशिष्टायैवराज्यदः॥बिभीषणाययोदेवस्तंबीरंप्रणमाम्यहम्॥२॥योमहापुरुषोव्यापी महाब्धौकतमेतुकः॥स्तुतोयेनजटायुशमहाविष्णुनमाम्यहम्॥३॥तेजमान्यायितायस्यज्वलंतिज्वलनादयः॥प्रकाशतस्वतंत्रीयस्तज्वलंतनमा म्यहम्॥४॥सर्वतोमुखतायेन लीलयादर्शितारणे // राक्षमेश्वरयोधानांतवंदेसर्वतोमुखम् // 5 // नृभावतुप्रपन्नानां हिनस्तिचसदारुजम् // नृसिंहतनुप्रासौयस्तं नृसिंहनमाम्यहम् // 6 // यस्माद्विष्यनिवातार्कज्वलनेंद्राःसमृत्यवः // भयंतनोतिपापानांभपिणतनमाम्यहम् // 7 // 4 परस्ययोग्यतांवीक्ष्यहरतेपापसन्ततिम् / पुरस्ययोग्यतांवीक्ष्यतनप्रणमाम्यहम् // 8 // योमृत्युंनिजदासानांमारयत्यतिचेष्टदः // तत्रापिनि जदासार्थमृत्युमृत्युनमाम्यहम् // 1 // यत्पादपद्मप्रणतोजवत्युत्तमपूरुषः॥तमीशंसर्वदेवानांनमनीयंनमाम्यहम् // 10 // आत्मभावंसमुत्क्षि। प्यदास्यंचैवरघूनमम् / / भजेहंप्रत्यहंराससीसहलक्ष्मणम्॥ 13 // नित्यंश्रीरामभक्तस्यकिंकरायमकिंकराः // शिववत्योदिशस्तस्यसिद्ध यस्तस्यदासिकाः // 12 // इदहनुमताप्रोक्तंमंत्रराजात्मकंस्तवम् // पठेदनदिनयस्तुसरामेभक्तिमान्भवेत् // इति हनुमत्कल्पे श्री रामकद्धनुमन्मंत्रराजात्मकम्तवराजः समातः // अथ लांगूलावशत्रुजयस्तोत्रप्रारंभः // ॐ हनुमंतमहावीरंवायुतुल्यपराक्रमम् // मम 57 For Private And Personal Use Only