________________ Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org हीश्रीहीहां बीजम् / श्रीं इति शक्तिः / किलिकिलि बुबुकारेणेति कीलकम् // लंकाविध्वंसनेति कवचम् // मम सर्वोपद्रवशांत्यर्थ ) सर्वकर्मसिद्धयर्थे पाठे विनियोगः // श्रीरामचन्द्रऋषये नमः / शिरशि // 1 // अनुष्टुप्छन्दसे नमः मुखे // 2 // श्रीहनुमन्महारुद्र देवतायै नमः हृदि // 3 // ह्रीं श्रीह्रौं हां बीजाय नमः गुह्ये // 4 // श्रीं इति शक्तये नमः पादयोः // 5 // किलिकिलि बुबुकारेणेतियार कीलकाय नमः नाभौ // 6 // लंकाविध्वंसनेति कवचाय नमः वाहुद्दये // 7 // विनियोगाय नमः सर्वांगे // 8 // इति ऋष्यादि न्यामः / ॐ एहनमते अंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // ॐ लंकाविध्वंसनाय तर्जनीभ्यां नमः ॥२॥ॐ अञ्जनीगर्भसम्भूताय मध्यमाभ्यां नमः // 3 // ॐ शाकिनीडाकिनीविध्वंमनाय अनामिकाभ्यां नमः॥४॥ ॐ किलिकिलि बुबुकारेण बिजीपणाय हनुमद्देवाय कनिष्ठिकाश्या नमः॥ 5 // ॐ ह्रींनीहाहां फट् स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः / / 6 / / इति करन्यासः ॥ॐ हनमते हृदयाय नमः। Mu // ॐ लंकाविध्वंसनाय शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ अंजनीगर्भसंभूताय शिखायै वषट् // 3 ॥ॐ शाकिनीडाकिनीविध्वंसनाय कवचाय हम // 4 // ॐ किलिकिलि बुबुकारेण विभीपणाय हनुमद्देवाय नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ॐ ह्रींश्रीह्रींहां फट् स्वाहा असा य फट // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यासः // प्रतप्तस्वर्णवर्णाभं संरक्तारुणलोचनम् // सुग्रीवादियुतं ध्यायेत्पीताम्बरसमावृतम् // 14 // गोष्पदीकतवारीशं पुच्छमस्तकमीश्वरम् // ज्ञानमुद्रां च बिचाणं सर्वालंकारभूषितम् // 15 // श्रीरामचन्द्र उवाच // ॐ हनमाश्रीपदो। वायुपुत्रोरुद्रोअघोऽजरः // अमृत्यु:रवीरश्चग्रामवासोजनाश्रयः // 16 // धनदो निर्गुणः कायो वीरोनिधिपतिर्मनिः // पिंगाक्षोवरदो वाग्मीसीताशोकविनाशनः // 17 // शिवः सर्वः परोव्यक्तोव्यक्ताव्यक्तोरसाधरः / / पिंगरोमःपिंगकेशःश्रतिगम्यः सनातनः / / 18 // न For Private And Personal Use Only