________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir मं० // 220 // प्रारंभः // ऋषय ऊचुः // ऋषे लोहगिरिं प्राप्तः सीताविरहकातरः // भगवान् किं व्यधाद्रामस्तत्सर्व धूहि सत्वरम् // 3 // वाल्मीख. किरुवाच // मायामानुषदेहोयं ददर्शाये कपीश्वरम् // हनुमंतं जगत्स्वामी बालार्कसमतेजसम् // 2 // स सत्वरं ममागम्य माष्टाङ्गं प्रणि धापत्य च // कताअलिपुटो भूत्वा हनुमान गममब्रवीत् // 3 // श्रीहनुमानुवाच / / धन्यास्मि कृतकृत्योऽस्मि दृष्ट्वा त्वत्पादपंकजम् // योगि नामप्यगम्यं च संसारभयनाशनम् // 4 // पुरुषोनम देवेश कर्तव्यं तन्निवेद्यताम् // श्रीराम उवाच // जनस्थानं कपिश्रेष्ठ कोडा प्यागत्य विदेहजाम् // 5 // हृतवान्धिप्रसंवेपो मारीचानुगते मयि // गोप्यः साम्प्रतं वीर जानकीहरणे परः // 6 // त्वयागम्यो न / ||को देशस्त्वं च ज्ञानवतां वरः // मनकोटिमहामंत्रमंत्रितावयवः प्रभुः // 7 // ऋषय ऊचुः॥ को मंत्रः किं च तद्ध्यान तन्नो ब्रूहि यथार्थतः // तथा सुधारमं पीत्वा न तृप्यामः परंतपः // 8 // वाल्मीकिरुवाच // मंत्रं हनुमतो विद्धि भुक्तिम् / शक्तिप्रदायकम् // महारिष्टमहापापमहादुःखनिवारणम् // 9 // “ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदृताय लंकाविध्वंसनायाअनीगर्भसंभूताय / शाकिनीडाकिनीध्वंसनाय किलिकिलियुचुकारेण विभीषणाय हनुमदेवाय ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं फट स्वाहा // " अन्यं हनुमतो मंत्रं सहस्रनामसंज्ञकम् // जानंति ऋषयः सर्वे महादरितनाशनम् // 10 // अस्य संस्मरणात्मीता लब्धा राज्यमकण्टकम् // विभीषणाय च ददावात्मनं लब्धवान्मया // 13 // ऋषय ऊचुः॥ सहस्रनामसन्मंचं दुःखाचौघनिवारणम् // बाल्मीके वहि नस्तूर्ण // 20 // शुश्रयामः कथां पराम् // 12 // वाल्मीकिरुवाच // शृण्वंतु ऋषयः सर्व सहस्रनामकं स्तवम् // स्तवानामुत्तमं दिव्यं सदर्थस्य प्रदा। यकम् / / 13 // अथ पाठः॥ॐ अस्य श्रीहनुमत्सहस्रनामस्तोत्रमंत्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः / अनुष्टुप्छन्दः / श्रीहनुमन्महारुद्रो देवता / / For Private And Personal Use Only