________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir NIॐ नमो भगवते हनुमते सर्वभूतात्मने हनुमते सर्वात्मसंयोगपद्मपीठात्मने नमः // " इति मंत्रेण पुष्पाद्यासनं दत्त्वा पीठमध्ये संस्थाप्य 2 प्रतिष्ठां च कृत्वा पुनात्वा मूलेन मूर्ति प्रकल्प्य पायादिपुष्पांतैरुपचारैः संपूज्य देवाज्ञया आवरणपूजां कुर्यात् // तद्यथा // पुष्पांज लिमादाय "संविन्मयः परो देवः परामृतरसप्रियः॥अनुज्ञां हनुमन्देहि परिवाराचनाय मे॥” इति पुष्पांजलिं दत्वा आज्ञां प्राप्य आवरण) पूजां कुर्यात् // तद्यथा। षट्कोणकेसरेषु आनेय्यादिचतसृषु दिक्षु मध्ये दिक्षु च / / ॐ हौं हृदयाय नमः / हृदयश्रीपादुकां पूजयामि तर्प) यामि नमः // इति सर्वत्र // 1 // ॐ ह्स्फे शिरसे स्वाहाँ / शिरःश्रीपा० // 2 // ॐ स्कें शिखायै वषट् शिखाश्रीपा०॥ 3 // ॐ ह्रौं कवचार्य हुम् / कवचश्रीपा० // 4 // ॐ हमके नेत्रत्रयाय वौषट् / नेत्रत्रयश्रीपा० // 5 // ॐ ह्रौं अस्त्राय फट / अबश्रीपा०y // 6 // इति षडंगानि पूजयेत् / ततः पुष्पांजलिमादाय मूलमुच्चार्य "अनीष्टसिद्धिं मे देहि शरणागतवत्सल // भक्त्या ममर्पये तुज्यं प्रथमावरणार्चनम् // 1 // " इति पठित्वा पुष्पांजलिं च दया पूजितास्तर्पिताः संतु इति वदेत् // इति प्रथमावरणम // ततोष्टदलेषु पूज्यपूजकयोरंतराले प्राची तदनुसारेण अन्या दिशः प्रकल्प्य प्राचीक्रमेण दक्षिणावर्तन च ॐ ॐ रामभकायनमः / रामभक्तश्रीपा० // 3 // ॐ महातेजसे नमः / महातेजःश्रीपा० // 2 // ॐ कपिराजाय नमः / कपिराजश्रीपा० // 3 // ॐ महाबलाय नमः। महाबल श्रीपा० // 4 // ॐ द्रोणाद्रिहारकाय नमः / द्रोणाद्रिहारकश्रीपा०॥५॥ॐ मेरुपीठार्चकारकाय नमः। मेरुपीठाचकारकश्रीपा०॥६॥ | * रामभक्तो महातेजाः कपिराजी महाबलः // द्रोणाद्रेिहारको मेरुपीटिकाचनकारकः // 1 // दक्षिणाशाभास्करश्च सर्वविघ्ननिवारकः / एवं नामानि संपूज्य दळाग्रेषु च वानरान् // 2 // For Private And Personal Use Only