________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir .. . . 1202 // मं• म० // श्रीगणेशायनमः॥ अथ हनुमत्नन्त्रप्रारंभः / तत्रादौ पटलभारंभः।। अथ हनूमवादशाक्षरमंत्रप्रयोगः // ( मंत्रमहोदधौ ) मंत्रो यथा वहौं हें, स्कें ह्रीं कहों हनुमते नमः” इति द्वादशाक्षरो मंत्रः // अस्य विधानम् / / अस्य हनुमन्मंत्रस्य रामचन्द्र ऋषिः / जगती / छन्दः / हनुमान देवता। हसों बीजम् / हूस्फे शक्तिः। सर्वेष्टसिद्धये जपे विनियोगः॥ ॐ रामचन्द्रऋषये नमः शिरसि // 1 // जगती छन्द से नमः मुखे // 2 // हनुमद्देवतायै नमः / हृदि // 3 // ह्रौं बीजाय नमः गुह्ये // 4 // हस्फे शक्तये नमः // 5 // विनियोगाय नमः सर्वांगे // 6 // इति ऋष्यादिन्यासः // ॐ हौं हृदयाय नमः // 1 // ॐ हस्फे शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ रुकें शिखायै वषट् / // 3 // ॐ इसी कवचाय हूं // 4 // हमख्य नेत्रत्रयाय वौषट् // ॐ हीं अस्त्राय फट् // इति हृदयादिषडंगन्यासः // एवमेव कर | लान्यासं कृत्वा मनिं 1 भाले 2 नेत्रयोः 3 मुखे 4 कंठे५ बाह्वोः६ हृदि 7 कुक्षौ 8 नाभौ 9 लिंगे 10 जानुद्वये 11 पादयोः१२ ol इति द्वादशस्थानेषु द्वादशमंत्रवर्णान् प्रणवाद्यनमांतान न्यसेत्॥ इति न्यासं कृत्वा ध्यायेत्॥ ध्यानम्। बालार्कायुततेजसं त्रिभुवनप्रक्षोभकं / सुंदरं मुग्रीवादिसमस्तवानरगणैः संसेव्यपादांबुजम् // नादेनैव समस्तराक्षसगणान्संत्रासयंतं प्रभु श्रीमद्रामपदांबुजस्मृतिरतं ध्यायामि | वातात्मजम् // 1 // एवं ध्यात्वा सर्वतोभद्रमण्डले मंडूकादिपरतत्वांतपीठदेवताः संस्थाप्य नव पीठशक्तीः पूजयेत् // पूर्वादिक्रमेण / ॐ विमलायै नमः // 1 // ॐ उत्कर्षिण्यै नमः // 2 // ॐ ज्ञानाय नमः // 3 // ॐ क्रियायै नमः // 4 // ॐ योगायै नमः // 20 // // 5 // ॐ प्रह्वयै नमः // 6 // ॐ सत्यायै नमः // 7 // ॐ ईशानायै नमः // 8 // मध्ये ॐ अनुग्रहायै नमः // 9 // इति पूजयेत्॥ ततः स्वर्णादिनिर्मितं यंत्रं मूर्ति वा ताम्रपाने निधाय घृतेनात्यज्य तदुपरि दुग्धधारां जलधारां च दत्त्वा स्वच्छवणाशोष्य For Private And Personal Use Only