________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir विमन्युरंभोदोजीवनोजगतांपतिः // जगत्पिताप्रीतमनाः सर्वः शर्वोगुहाबलः // 8 // सर्वगोजगदानंदोजगन्नेतामुरारिहा // श्रेयः श्रेयस्क रोज्यायानुत्तमोत्तमउत्तमः // 90 // उत्तमोथपहामेरुर्धारणोधरणीधरः // धाराधरोधर्मराजोधर्माधर्मप्रवर्तकः // 91 // रथाध्यक्षोरथ पतिस्त्वरमाणोमितानलः // उत्तरोनुत्तरस्तापीतारापतिरपांपतिः / / 92 // पुण्यसंकीर्तनः पुण्योहेतुलोकत्रयाश्रयः // स्वर्भानुर्विहंगारि टोविशिष्टोत्कृष्टकर्मकत् // 13 // व्याधिप्रणाशनः क्षेमः शूरस्सर्वजितांवरः॥ एकनाथोरथाधीशः शनैश्चरपितासितः // 94 // वैव | स्वतगुरुर्मृत्युर्द्धर्मनित्योमहाव्रतः // प्रलंबहारः संचारीप्रद्योतोयोतितोनलः // 25 // संतानकृत्परोमंत्रोमंत्रमूतिर्ममहाबलः // श्रेष्ठात्मा सुप्रियः शंभुमहतामीश्वरेश्वरः // 96 // मंसारगतिविच्छेतासंसारार्णवतारकः // सतजिह्वः सहस्राचीरत्नग पराजितः // 97 // धर्मकेतुरमेयात्माधम्माधर्मवरप्रदः // लोकसाक्षीलोकगुरुलोंकेशछंदवाहनः // 98 // धर्मरूपः सूक्ष्मवायुद्धनुष्पाणिर्द्धनुर्द्धरः // पिना कधृङमहोत्साहनिकमायोमहाशनः // 99 // वीरः शक्तिमतांश्रेष्ठः सर्वशस्त्रभृतांवरः।। ज्ञानगम्योदुराराध्योलोहिताङ्गोरिमर्दनः॥१०॥ अनंतोधर्मदोनित्योधर्मकच्चत्रिविक्रमः॥ दैवतस्यक्षरोमद्योनीलाङ्गोनीललोहितः // 1.1 // एकोनेकस्त्रयीव्यासः सवितासमितिंजयः॥ शार्ङ्गधन्वानलोभीमः सर्वप्रहरणायुधः // 102 // परमेष्ठीपरंज्योति कपालीदिवस्पतिः // वदान्योवासुकिवैद्यआत्रेयोतिपराक्रमः // 103 // द्वापरः परमोदारः परमब्रह्मचर्य्यवान् // उद्दीप्तवेषोमुकुटीपग्रहस्तोहिमांशुभृत् // 104 // स्मितः प्रसन्नवदनः पद्मोदर निभाननः॥ सायंदिवादिव्यवपुरनिर्देश्योमहारथः // 105 // महारथोमहानीशः शेषः सत्त्वरजस्तमः // धृतातपत्रप्रतिमोविमर्षीनिर्णयः स्थितः // 106 // अहिंसकः शुद्धमतिरद्वितीयोऽरिमर्दनः // सर्वदोधनदोमोक्षोविहारीबहुदायकः // 107 // ग्रहनाथोग्रहपतिर्महे For Private And Personal Use Only