________________ Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org परापरज्ञस्तरणिरंशुमालीमनोहरः // प्राज्ञः प्रजापतिस्मूर्यःमविताविष्णुरंशुमान् // 14 // मदागतिर्गधवाइविहितोविधिराशुगः // पतंगः पतगःस्थाणुर्विहङ्गोविहगोवरः // 15 // हर्यश्वोहारताश्वश्चहरिदश्वोजगत्प्रियः / / व्यंबकम्मर्वदमनोभावितात्माभिपग्वरः // 16 // आलोककलोकनाथोलोकालोकनमस्कृतः॥ कालःकल्पांतकोवहिस्तपनस्संप्रतापनः॥ 17 // विरोचनोविरूपाक्षस्महस्राक्षः पुरंदरः / / महनरश्मिमिहिरोविविधांवरभूषणः // 18 // खगः प्रतईनोधन्योहयगोवाग्विशारदः / श्रीमांश्चशिशिरोवाग्ग्मीश्रीपतिः श्रीनिकेतनः // 19 // श्रीकंठःश्रीधरःश्रीमानश्रीनिवासोवसुप्रदः / / कामचारीमहामायोमहेशोबिदिताशयः / / 20 / / तीर्थक्रियावान् मुनयोविभवोभक्तवत्सलः // कीर्तिःकार्तिकरोनित्यःकुंडलीकवचीरथी // 21 // हिरण्यरेताःमताश्वःप्रयतात्मापरंतपः // बुद्धिमानमर श्रेष्ठोरोचिष्णुः पाकशासनः // 22 // समुद्रोधनदोधातामान्धाताकश्मलापहः // नमोनोवांतहावह्निहोतांतःकरणोगुहः // 23 // पशुमान्प्रयतानंदोभूनेशःश्रीमतांवरः // नित्योदितोनित्यरथःमुरेशःमुरपूजितः // 24 // अजितोविजयोजेताजंगमस्थावरात्मकः // जीवानंदोनित्यगामीविजेताविजयप्रदः // 25 // पर्जन्योग्निम्थितिः स्थेयःस्थविरोणुनिरंजनः / / प्रयोतनोरथारूढःमर्वलोकप्रकाशकः 06 // ध्रुवोमेधीमहावीयोहंमःसंसारतारकः // सृष्टिकर्ताकियाहेतुर्मानण्डोमरुतांपतिः // 7 // ममत्वान्दहनस्त्वष्टानगो भाग्योऽर्यमापतिः॥ वरुणांशोजगन्नाथःकृतकृत्यःमुलोचनः // 28 // विवस्वानभानुमानकार्यकारणलेजमानिधिः // अमंगगामी तिग्मांशुद्धर्मादिदीदीधितिः॥ 29 // महसदीधितिन्नःसहस्रांशुर्दिवाकरः // गभस्तिमादीधितिमान्सग्विमानतुलद्युतिः // 30 // भास्करःमुरकार्य्यज्ञःमर्वज्ञस्तीक्ष्णदीधितिः // मुरज्येष्टःसृरपतिर्बहृज्ञोबचमांपतिः // 31 // नेजोनिधिहनेजाबृहत्कीर्तिहस्पतिः // For Private And Personal Use Only