________________ Acharya Shri Kasagar Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org तिष्ठतु स्वाहा / / 4 // इति प्राणान् प्रतिष्ठाप्य यः प्राणतोनिमिषतोमहित्येविधेम इतिमन्निति त्रिवारं पठेत् // ॐ मनोजतिर्जुपतासुप्रतिष्ठान प्रतिया // इत्युत्वा संस्कारसिद्धये पंचदश प्रणवावृत्तीः कृत्वा अनेन मूर्यनारायणसपरिवारयंत्रस्य गर्भाधानादिपंचदशसंस्कारान्संपाद यामि / इति वदेत / ततः "ॐ यंत्रराजाय विद्महे महायंत्राय धीमहि // तन्नो यंत्रः प्रचोदयात्॥” इत्यष्टोनरशतमभिमंत्र्य मूलदेवतां ध्यात्वा मूलन मूर्ति प्रकल्प्याबाहयेत॥ तद्यथा / अक्षतानादाय / “ॐ देवेश भक्तिसुलभ परिवारसमन्वितायावत्त्वां पूजयिष्यामि तावद्देव इहावह" // 1 // मूलं पठित्वा ॐ भूर्भुवः स्वः श्रीमूर्यनारायणाय नमः / इहागच्छ इह तिष्ठ इत्याबाहनम् // 1 // "ॐ अज्ञानाडुमन / स्त्विाहा बैंकल्यान्साधनस्य च // यदि पूर्ण भवेत्कृत्यं तदाप्यभिमुखो भव" // 1 // ॐ मर्यनारायणाय नमः इह संमुखो भव // इति सम्मुखीकरणम् ॥२॥"ॐ यस्य दर्शनमिच्छंति देवाः स्वाभीष्टसिद्धये // तस्मै ते परमेशाय स्वागतं स्वागतं च ते"॥१॥मूलं पठित्वा ॐ भूर्भुवः स्वः श्रीमूर्यनारायणाय नमः सुस्वागतं समर्पयामि // इति सर्वत्र // 3 // “ॐ देवदेव महाराज प्रियेश्वर प्रजापते // आसनं दिव्यमीशान दास्येहं परमेश्वर" // 1 // इत्यासनम् // 4 // इत्यामनं दत्त्वा करो बद्धा प्रार्थयेत् // “ॐ स्वागतं दवदेवश मद्भाग्यात्वमिहागतः // प्राकृतं त्वमदृष्ट्वा मां बालवत्परिपालय // 1 // इति प्रार्थयित्वा पाद्यादिपृजनं कुर्यात् // अथ पाद्यादि। पूजनम् // "ॐ यद्भक्तिलेशसंपर्कात्परमानन्दसंभवः // तस्मै ते चरणाजाय पाद्यं शुद्धाय कल्पये" 1 इत्यर्बोदकेन पाद्यं दद्यात॥ 1 // “ॐ देवानामपि देवाय देवानां देवतात्मने // आचामं कल्पयामीश शुद्धानां शुद्धिहेतवे"॥१॥इत्याचमनम् // 2 // ॐ तापत्रय हरं दिव्यं परमानन्दलक्षणम् // तापत्रयविमोक्षाय तवायं कल्पयाम्यहम् // 1 // इत्यघोंदकेनायं दद्यात् // 3 // ॐ सर्वा For Private And Personal Use Only