________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि // सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमाचंत्य / रूपम् // 1 // प्रातर्नमामि तरणिं तनुवाङ्मेनाभिर्ब्रह्मेन्द्रपूर्वकसुरैर्नुतमचिंतं च // वृष्टिप्रमोचनविनिग्रहहेतुभूतं त्रैलोक्यपालनपरं त्रिगु, णात्मकं च // 2 // प्रातर्भजामि सवितारमनंतशक्ति पापोवशत्रुभयरोगहरं परं च // तं सर्वलोककलनात्मककालमूर्ति गोकण्ठबंधन विमोचनमादिदेवम् // 3 // श्लोकत्रयमिदं भानोः प्रातः प्रातः पठेनु यः // स सर्वव्याधिनिर्मुक्तः परं सुखमवानुयात् // 4 // इति प्रातःस्मरणं कृत्वा शौचादिकं विधाय स्नानं च कुर्यात् // ततः पूजागृहमागत्य नित्यनैमित्तिकं विधाय स्वासने प्राङ्मुख उपविश्य भूत शुद्धिप्राणप्रतिष्ठांतर्मातृकाबहिर्मातृकासृष्टिस्थितिसंहारमातृकान्यासं च कृत्वा प्रयोगोक्तन्यासादिकं च कुर्यात् // ततो वामभागे श्रीगुरुग्यो नमः // 1 // दक्षिण गणपतये नमः // 2 // मध्ये स्वेटदेवतायै नमः // 3 // इति नत्वा पीठपूजां कुर्यात् // तद्यथा-पीठादी रचिते सर्वतोभद्रमंडले मूर्यमण्डले वा मध्यभागे ॐ में मंडूकाय नमः // 1 // ॐ कं कालानिरुद्राय नमः // 2 // ॐ अं आधारश तये नमः // 3 // ॐ कू कर्माय नमः // 4 // ॐ अं अनन्ताय नमः // 5 // ॐ पृ पृथिव्यै नमः // 6 // ॐ श्री क्षीरसाग चराय नमः // 7 // ॐ रं रत्नदीपाय नमः // 8 // ॐ रं रत्नमण्डपाय नमः // 9 // ॐ कं कल्पवृक्षाय नमः // 10 // ॐ रं रत्नवेदिकायै नमः // 11 // ॐ रं रत्नसिंहासनाय नमः // 12 // आनेय्याम् / ॐ धं धर्माय नमः // 13 // नैर्ऋत्याम। ॐ ज्ञां ज्ञानाय नमः // 14 // वायव्ये / ॐ 0 वैराग्याय नमः // 15 // ऐशान्ये / ॐ ऐ ऐश्वर्याय नमः // 16 // पूर्वे / ॐ अं अधर्माय नमः // 17 // दक्षिणे / ॐ अं अज्ञानाय नमः // 18 // पश्चिमे / ॐ अं अवैराग्याय नमः // 11 // उत्तरे / For Private And Personal Use Only