________________ She avrain Aradhana Kendra mmm.kobatrm.org Acharya Shri Kailasagasun Gyanmandir वक्ष्यामि पुत्रश्रेष्ठ तपोधन // कवचं नरसिंहस्य त्रैलोक्यविजयी भवेत् // 2 // स्रष्टाहं जगतां वत्स पठनाद्धारणाद्यतः // लक्ष्मीर्जगत्रयं / / पांति संहर्ता च महेश्वरः // 3 // पठनाद्धारणाद्देवा बहवश्च दिगीश्वराः // ब्रह्ममंत्रमयं वक्ष्ये चांतादिविनिवारकम् // 4 // यस्य प्रसा दाद्दर्वासास्त्रैलोक्यविजयी भवेत् // पठनाद्धारणाद्यस्य शास्ता च क्रोधभैरवः // 5 // त्रैलोक्यविजयस्यापि कवचस्य प्रजापतिः // ऋषिश्छंदस्तु गायत्री नृसिंहो देवता विभुः // 6 // सौं बीजं मे शिरः पातु चन्द्रवर्णो महामनुः // 7 // "ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम् // नृसिंह जीपणं नई मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् // 8 // द्वात्रिंशदक्षरो मन्त्रो मंत्रराजः मुरटुमः // कंठं पातु ध्रुवं श्री हृद्भगवते चक्षुषी मम // 9 // नरसिंहाय च ज्वालामालिने पातु कर्णकम् // दीनदंष्ट्राय च तथा अभिनेत्राय नासिकाम् // 10 // सर्वरक्षो नाय च तथा सर्वभूताहिताय च // सर्वज्वरविनाशाय दहदह पदव्यम् // 11 // रक्षरक्ष वर्ममंत्रः स्वाहा पातु मुखं मम // तारादिरामचं दाय नमः पातु हृदं मम // 12 ॥क्लीं पायापार्श्वयुग्मं च तारो नमः पदं ततः // नारायणाय नाभिं च आं ह्रींकोंक्षांचहुं फट् // 13 // पडक्षरः कटिं पातु ॐ नमो भगवते पदम् // वासुदेवाय च पृष्ठं क्लीं कृष्णाय क्लीं ऊरुद्वयम् // 14 // क्लीं कृष्णाय सदा पातु जानुनी च मनूत्तमः / / क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः पायात्पदद्वयम् / / 15 // श्री नृसिंहाय श्रौं च सर्वांगे मे सदावतु / / इति ते कथितं वत्स सर्वमंत्रौघविग्रहम् // 16 // तव स्नेहान्मया ख्यातं प्रवक्तव्यं न कस्यचित् / / गुरुपूजां विधायाथ गृहीयात्कवचं ततः // 17 // सर्व पुण्ययुतो भूत्वा सर्वसिद्धियुतो भवेत् / / शतमष्टोनरं चास्य पुरश्चर्याविधिः स्मृतः / / 18 / / हवनादीन्दशांशेन कृत्वा तत्साधकोत्तमः।।। ततस्तु सिद्धकवचो रूपेण मदनोपमः // 19 // स्पर्धामुद्दय भवने लक्ष्मीर्वाणी वसेन्मुखे // पुष्पांजल्यष्टकं दत्त्वा मूलेनैव पठेत्सकत For Private And Personal Use Only