________________ Shri Matavian Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir जीवनः // 63 // आदिकर्तासर्वसत्यःसर्वस्वीरत्नदर्पहा // विकलोर्जितकंदर्पउर्वशीढङ्मुनीश्वरः // 62 // आद्यःकविहयग्रीवःसर्ववागी श्वरेश्वरः // सर्वदेवमयोब्रह्मगुरुर्वाग्मीश्वरःपतिः // 63 // अनंतविद्याप्रभवोमूलविद्याविनाशकः // सर्वार्हणो जगजाड्यनाशको मधु सूदनः // 64 // अनन्तमंत्रकोटीशः शब्दब्रह्मैकपावकः // आदि वेदान्वेदकावेदात्माश्रुतिसागरः॥ 65 // ब्रह्मार्थवेदाभरणसर्व विज्ञानजन्मभूः // विद्याराजाज्ञानराजोज्ञानसिंधुरखण्डधीः // 66 // मत्स्यदेवोमहाभुंगोजगदीजवहित्रधृक् // लीलाव्यातानिलांभोधि चतुर्वेदप्रवर्तकः॥६७ // आदिकूमोंखिलाधारस्तृणीकृतजगद्भवः // अमरीकतदेवौधःपीयूषोत्पत्तिकारणम् // 68 // आत्माधारोधरा धारोयज्ञाङ्गोधरणीधरः // हिरण्याक्षहरः पृथ्वीपतिःश्राद्धादिकल्पकः // 69 // समस्तपित्रभीतिघ्नःसमस्तपितृजीवनम् // हव्यकव्यकभुग्भ व्योगुणभव्यैकदायकः // 70 // लोमांतलीनजलधिःक्षोभिताशेषसागरः // महावराहोयज्ञन्नध्वंसनोयाज्ञिकाश्रयः // 71 // नरसिंहो| दिव्यसिंहःसर्वारिष्टार्तिदुःखहा // एकवीरोद्भुतबलोयन्त्रमन्त्रैकभंजनम् // 72 // ब्रह्मादिदुःसहज्योतिर्युगांताग्यतिभीषणः // कोटिवजा धिकनखोगजदुष्पेक्षमूर्तिधृक् // 73 // मातृचक्रप्रथमनोमहामातृगणेश्वरः // अचिंत्योमोघवीव्व्यःसमस्तासुरघस्मरः॥७४॥ हिरण्यक शिपुच्छेदीकालःसंकर्षणःपतिः॥ कृतांतवाहनःसद्यःसमस्तभयनाशनः // 75 // सर्वविघ्नांतकःसर्वसिद्धिदःसर्वपूरकः // समस्तपातक ध्वंसीसिद्धमंत्राधिकाढयः॥ 76 // भैरवेशोहरार्तिघ्नःकाठकल्पोदुरासदः // दैत्यगर्भस्राविनामास्फुटब्रह्माण्डवर्जितः // 77 // स्मृतिमात्रासिलवाताभूतरूपोमहाहरिः // ब्रह्मचर्मशिरःपट्टदिक्पालोऽह्यङ्गभूषणः // 78 // द्वादशार्कशिरोधामारुद्रशीर्षेकनुपूरः // योगिनीयस्तगिरिजारतो भैरवतर्जकः // 79 // वीरचक्रेश्वरोऽत्युग्रो यमारिः कालसंवरः // क्रोधेश्वरोरुद्रचण्डीपारवादीसुदृष्टभाक् // For Private And Personal Use Only