________________ Shri Mahir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagasun Gyanmandir नित्यःकपालुः सजना मं०म० कोटिगम्भीरस्तीर्थकोटिसमाह्वयः // 42 // हिमवत्कोटिनिष्कम्यःकोटिब्रह्माण्डविग्रहः॥ कोट्यश्वमेधपापन्नोयज्ञकोटिसमार्चनः॥४३॥ पू० ख०। // 18 // सुधाकोटिस्वास्थ्यहेतुःकामधुक्कोटिकामदः // ब्रह्मविद्याकोटिरूपःशिपिविष्टःशुचिःश्रवाः ॥४४॥विश्वंभरस्तीर्थपादःपुण्यश्रवणकीर्तनः | वि• तं० आदिदेवोजगज्जेत्रोमुकुन्दःकालनेमिहा // 45 // वैकंठोऽनंतमाहात्म्यो महायोगीश्वरेश्वरः॥ नित्यतृप्तोनृसद्भावोनिःशंकोनरकांतकः / तरं०७ // 46 // दीनानाथेकशरणविश्वकव्यसनापहा / जगत्क्षमाकतोनित्यःकपालुः सजनाश्रयः // 47 // योगेश्वरःसदोदीणोंवृद्धिक्षय विवर्जितः // अधोक्षजोविश्वरेताः प्रजापतिसमाधिपः॥४८॥ शकब्रह्मार्चितपदःशंभुर्ब्रह्माईधामगः // सूर्यसोमेक्षणोविश्वभोक्तासर्व ) |स्यपारगः।। 49 / / जगत्सेतुर्द्धर्मसेतुरोरिष्ठधरन्धरः // निर्मलोखिललोकेशोनिःशङ्कोऽद्भुतभोगवान् // 50 // रम्यमायोविश्व विश्वोविष्वक्सेनोनगोत्तमः // सर्वःश्रियःपतिर्देव्याःसर्वभूषणभषितः // 51 // सर्वलक्षणलक्षण्यःसर्वदैत्येन्द्रदर्पहा // समस्तदेवसर्वज्ञः IN सर्वदैवतनायकः॥ 52 // समस्तदेवतादुर्गः प्रपन्नाशनिपंजरः // समस्तदेवकवचंसर्वदेवशिरोमणिः // 53 // समस्तभयनिर्भिन्नोभगवान विष्टरश्रवाः // विभुस्सर्वहितोप्यर्कोहतारिःसुरलिप्रदः // 54 // सर्वदैवतजीवेशोब्राह्मणादिनियोजकः // ब्रह्माशंभुपराढियोब्रह्मजेष्ठः शिशुःस्वराट् // 55 // विराभक्तपराधीनःस्तुत्यःसर्वार्थसाधकः // सर्वार्थकर्ताकत्यज्ञःस्वार्थकत्यसदोञ्झितः // 56 // सदानवःसदाभद्रः सदाशांतःसदाशिवः // सदाप्रियः सदातुष्टःसदा पुष्टःसदार्चितः // 57 // सदापूतःपावनायोवेदगुह्योवृषाकपिः // सहस्रनामा त्रियुगश्च | तुमूर्तिश्चतुर्भुजः // 58 // भूतभव्यभवन्नाथोमाहापुरुषपूर्वजः // नारायणोमुंजकेशःसर्वयोगविनिःसृतः // 59 // वेदसारोयज्ञसारःसाम सारस्तपोनिधिः // साध्यश्रेष्ठःपुराणपिनिष्ठाशान्तिपरायणः // 60 // शिवस्त्रिशूलविध्वंसीश्रीकंठकवरप्रदः // नरकृष्णोहरिर्धर्मनन्दनोधर्म | गत्सेतुमसेतासमाधिपः // For Private And Personal Use Only