________________ Shri Mahir Jain Aradhana Kendra www.kobatm.org Acharya Shri Kailasagasun Gyanmandir // 23 // अनुलंध्यः सर्वगतिर्महारुद्रोदुरासदः // मूल प्रकृतिरानन्दः प्रज्ञाताविश्वमोहनः // 24 // महामायोविश्वबीजपरशक्तिसुखै ) कभक् // सर्वकाम्योनंतशीलस्सर्वभूतवशंकरः // 25 // अनिरुद्धः सर्वजोबोहृषीकेशो मनःपतिः // निरुपाधिः प्रियो हंसोक्षरः सर्वनियो जकः // 26 // ब्रह्मा प्राणेश्वरः सर्वभूतभृदेहनायकः // क्षेत्रज्ञः प्रकृतिस्वामीपुरुषोविश्वमूत्रधृक् // 27 // अंतर्यामी विधामांतः साक्षीत्रिगुणईश्वरः // योगिमृग्यः पद्मनाभः शेषशायी श्रियःपतिः॥२८॥ श्रीसत्योपास्यपादाजोऽनंतः श्रीः श्रीनिकेतनः // नित्यवक्षः स्थलस्थश्रीः श्रीनिधिः श्रीधरो हरिः // 29 // रम्यश्रीनिश्चयश्रीदोविष्णुः क्षीराब्धिमंदिरः // कौस्तुभोद्भासितोरस्को माधवोजगदातिहा H // 30 // श्रीवत्सवक्षानिःमीमः कल्याणगुणभाजनम् // पीतांबरोजगन्नाथोजगद्धाताजगत्पिता // 31 // जगद्वन्धुर्जगत्स्रष्टाजगत्कर्ता जगन्निधिः // जगदेकस्फुरद्वीयोंनाहवादीजगन्मयः // 32 // सर्वाश्चर्यमयस्सर्वसिद्धार्थः सर्वबीरजित् // मीमोघोद्यमोब्रह्मरुद्राद्युत्कृष्टचे तनः // 33 // शंभोः पितामहोब्रह्मपिताशकाद्यधीश्वरः // सर्वदेवप्रियः सर्वदेववृत्तिरनुत्तमः // 34 // सर्वदेवैकशरणं सर्वदेवैकदै वतम् // यज्ञभुग्यज्ञफलदोयज्ञेशोयज्ञभावनः // 35 // यज्ञत्रातायज्ञपुमान् वनमालीद्विजप्रियः // द्विजैकमानदोहिंस्रः कुलदेवोऽसुरांतकः // 36 // सर्वदुष्टांतकत्सर्वसजनानन्दपालकः // सर्वलोकैकजठरः सर्वलोकैकमण्डलः // 37 // मृष्टिस्थित्यंतकच्चक्री शाङ्ग धन्वागदाधरः॥ शंखभृन्नन्दकीपद्मपाणिर्गरुडवाहनः // 38 // अनिर्देश्यवपुः सर्वः सर्वलोकैकपावनः // अनंतकीर्तिनिःश्रीशः पौरुषः सर्वमंगलः // 39 // सूर्यकोटिप्रतीकाशोयमकोटिविनाशनः // ब्रह्मकोटिजगत्स्रष्टावायुकोटिमहाबलः // 40 // कोटी न्दजगदानन्दीशंभुकोटिमहेश्वरः॥ कवेरकोटिलक्ष्मीबानशत्रुकोटिविनाशनः // 41 // कंदर्पकोटिलावण्योदुर्गकोटिबिमईनः // समुद्र For Private And Personal Use Only