________________ www.kobatm.org Acharya Shri Kalassagar Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्रीमहादेव उवाच / / "ब्रह्महत्यासहस्राणां पापं शाम्येत्कथंचन // न पुनस्त्वय्यविज्ञाते कल्पकोटिशतैरपि॥१॥ यस्मान्मया कृता स्पर्धा पवित्रं स्यां कथं हरे / / नश्यति सर्वपापानि तन्मां बद सुरेश्वर // 2 // तदाह देवो गोविंदो मम प्रीत्या यथायथम् // 3 // श्रीभगवान वाच // सदा नामसहस्रं मे पावनं मत्पदावहम् // तत्परोऽनुदिनं शंभोः सर्वेश्वर्य यदीच्छसि // 4 // श्रीमहादेव उवाच // तमेव | तपसा नित्यं अजामि स्तोमि चिंतये / / तेनाद्वितीयमहिमो जगत्पूज्योऽस्मि पार्वति // 5 // श्रीपार्वत्युवाच / / तन्मे कथय देवेश यथाहमपि शंकर / / सर्वेश्वरी निरुपमा तव स्यां सहशी प्रभो // 6 / / श्रीमहादेव उवाच // साधुसाधु त्वया पृष्टो विष्णोर्भगवतश्शिवे // नाम्नां सहस्रं वक्ष्यामि मुख्यं त्रैलोक्यमंगलम् // 7 // नारायणाय पुरुषोत्तमाय च नमो महात्मने / विशुद्धसमाधिष्ठाय महाहंसाय धीमहि // 8 // ॐ अस्य श्रीविष्णोःसहस्रनाममंत्रस्य महादेव ऋषिः / अनुष्टुप्छंदः / परमात्मा देवता / सूर्यकोटिप्रतीकाश इति बीजम् / गंगातीर्थोत्तमा शक्तिः। प्रपन्नाशनिपंजर इति कीलकम् // धर्मार्थकाममोक्षार्थे पाठे विनियोगः // ॐ महादेवऋषये नमः शिरसि // 1 // अनुष्टुप्छंदसे नमः मुखे // 2 // परमात्मदेवतायै नमः हृदि // 3 // सूर्यकोटिप्रतीकाशबीजाय नमः गुह्ये // 4 // गंगातीर्थोत्तमशक्तये नमः पादयोः॥॥प्रपन्नाशनिपंजरकीलकाय नमः नाभौ // 6 // विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे // 7 // इति ऋष्या दिन्यासः॥ ॐ वासुदेवं परं ब्रह्म इत्यंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // ॐ मूलप्रकृतिरिति तर्जनीच्यां नमः // 2 // भूमहावराह इति मध्यमाभ्यां नमः॥३॥ ॐ सूर्यवंशध्वजो राम अनामिकाभ्यां नमः॥४॥ॐ ब्रह्मादिकमलादिगदासूर्यकेशवमिति कनिष्ठिकाभ्यां नमः॥५॥शेष इति करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः // 6 // इति करन्यासः॥ ॐ वासुदेवं परं ब्रह्म इति हृदयाय नमः // 3 // ॐ मूलप्रकृतिशिरसे स्वाहा // 2 // For Private And Personal Use Only