________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir इति न्यास कृत्वा " ॐ नमः सुदर्शनाय सहस्राय हुं फट् बध्नामि नमश्चकाय स्वाहा” // इति मंत्रेण तालत्रयेण दशदिक्षु दिग्बंधनं कुर्यात् // इति दिग्बंधनं कृत्वा ध्यायेत् // अथ ध्यानम् ॥"उद्यदादित्यसंकाशं पीतवाससमच्युतम् // शंखचक्रगदापाणिं ध्यायेल्लक्ष्मी पति हरिम् // 3 // इति ध्यात्वा " ॐ नमो नारायणाय" इति अष्टोत्तरशतं जपित्वा पाठं कुर्यात् // अथ मूलाष्टकम् // “ॐ नारायणः परं ज्योतिरात्मा नारायणः परः // नारायणः परं ब्रह्म नारायण नमोस्तुते // 1 // नारायणः परो देवो दाता नारायणः परः // नारा यणः परो ध्याता नारायण नमोस्तु ते॥२॥ नारायणः परं धाम ध्यानं नारायणः परः॥नारायणः परो धमा नारायण नमोस्तु ते॥३॥ नारायणः परो वेद्यो विद्या नारायणः परः॥ विश्वं नारायणस्साक्षान्नारायण नमोस्तु ते // 4 // नारायणादिधिर्जातो जातो नारायणा च्छिवः // जातो नारायणादिन्द्रो नारायण नमोस्तु ते // 5 // रविर्नारायणं तेजश्चान्द्र नारायणं महः॥ वह्निर्नारायणः साक्षान्नारायण नमोस्तु ते // 6 // नारायण उपास्यः स्याद्गुरुर्नारायणः परः॥ नारायणः परो बोधो नारायण नमोस्तु ते // 7 // नारायणः फलं मुख्यं | सिद्धिर्नारायणः सुखम्॥सेव्यो नारायणः शुद्धो नारायण नमोस्तु ते॥८॥"इति मूलाष्टकम्॥अथ प्रार्थनादशकम्॥ॐ नारायणस्त्वमेवासि | दहराख्ये हृदि स्थितः // प्रेरकः प्रेर्यमाणानां त्वया प्रेरितमानसः // 1 // त्वदाज्ञां शिरसा धृत्वा जपामि जनपावनम् // नानोपासन मार्गाणां भावहृद्भावबोधकः // 2 // भावार्थकद्भावभूतो भावसौख्यप्रदो भव // त्वन्मायामोहितं विश्वं त्वयैव परिकल्पितम् // 3 // त्वदधिष्ठानमात्रेण सैषा सर्वार्थकारिणी // त्वमेव तां पुरस्कृत्य मम कामान्समर्पय // 4 // न मे त्वदन्यस्त्रातास्ति त्वदन्यन्न हि दैवतम् // त्वदन्यं न हि जानामि पालकं पुण्यरूपकम् // 5 // यावत्सांसारिको भावो मनःस्थो भावनात्मकः // तावसिद्धिर्भवेत्साध्या सर्वथा For Private And Personal Use Only