________________ Acharya Shri Kasagarsur Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra mm.kabalrm.org म.म पू० ख० 1 // 178 // तरं०७ सोपि विष्णुर्न संशयः // 38 // अश्वमेधसहस्राणि वाजपेयशतानि च // महादानानि यान्येव प्रादक्षिण्यं भुवस्तथा // 39 // कलां नार्हति तान्येव सकदुच्चारणात्ततः // कवचस्य प्रसादेन जीवन्मुक्तो भवेन्नरः // 40 // त्रैलोक्यं क्षोभयत्येव त्रैलोक्यविजयी भवेत् // इदं कवचमज्ञात्वा यजेद्यः पुरुषोत्तमम् // शतलक्षप्रजातोपि न मंत्रस्तस्य सिद्धयति // 41 // " इति विष्णुकवचं समाप्तम् // अथ नारायणहृदयम् // आचम्य प्राणानायम्य देशकालौ स्मृत्वा ममाभीष्टसिद्ध्यर्थ संकलीकरणरीत्या संपुटीकरणरीत्या वा नारायणहृदयस्य सकदावर्तनं करिष्ये // इति संकल्पयेत॥ॐ अस्य श्रीनारायणहृदयस्तोत्रमंत्रस्य भार्गव ऋषिः। अनुष्टुप्छंदः / श्रीलक्ष्मीनारायणो देवता / ॐ बीजम् / नमः शक्तिः। नारायणायेति कीलकम् / श्रीलक्ष्मीनारायणप्रीत्यर्थे पाठे विनियोगः॥ ॐ भार्गवऋषये नमः शिरसि // 1 // ॐ अनुष्टुपछंदसे नमः मुखे // 2 // ॐ श्रीलक्ष्मीनारायणदेवतायै नमो हृदि // 3 // ॐ बीजाय नमो गुह्ये ॥४॥ॐ नमः शक्तये नमः पादयोः॥ 5 // ॐ नारायणेति कीलकाय नमः नाभौ // 6 // ॐ विनियोगाय नमः साङ्गे // 7 // इति ऋष्यादिन्यासः // ॐ नारा यणः परं ज्योतिरित्यंगुष्ठाभ्यां नमः॥ 1 // ॐ नारायणः परंब्रह्मेति तर्जनीभ्यां नमः॥२॥ ॐ नारायणः परो देव इति मध्यमान्यां नमः au // ॐ नारायणः परो ध्यातेति अनामिकात्यां नमः॥४॥ ॐ नारायणः परं धामेति कनिष्ठिकाभ्यां नमः॥५॥ॐ नारायणः परो धर्म इति करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः // 6 // इति करन्यासः॥ ॐ नारायणः परं ज्योतिरिति हृदयाय नमः॥ 1 // ॐ नारायणः परब्रह्मेति शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ नारायणः परो देव इति शिखायै वषट् // 3 // ॐ नारायणः परो ध्यातेति कवचाय हूं // 4 // ॐ नारायणः परं धामेति नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ॐ नारायणः परो धर्म इत्यस्त्राय फट् // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यासः // का॥ 178 // For Private And Personal Use Only