________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir मं० म०विरोचनः स्कंदः शास्ता वैवस्वतोऽमरः // युक्तिकन्मत्तकीर्तिश्च सानुगश्च परंजयः // 57 // कैलासाधिपतिः कांतः सविता रविलो। पू० ख०१ चनः // विश्वोत्तमो वीतभयो विश्वार्ता निवारितः // 58 नित्यो नियतकल्याणः पुण्यश्रवणकीर्तनः // दूरश्रवा विश्वसहो ध्येयो दुःख शि० तं. // 147 // प्रणाशनः // 59 // उत्तारणो दुष्कृतिहा विज्ञेयो दुःसहो भवः // अनादिर्भूर्भुवो लक्ष्मीः किरीटी त्रिदशाधिपः // 60 // विश्वगोप्ता तर० 6 || विश्वकर्ताः सुवीरो रुचिरांगदः // जननो जनजन्मादिः प्रीतिमान्नीतिमान्धवः // 61 // वसिष्ठः कश्यपो भानुर्भीमो भमिपराक्रमः // प्रणवः सत्पथाचारो महाकाशो महाधनः // 62 // जन्माधिपो महादेवः सकलागमपारगः // तत्त्वं तत्त्वविदेकात्मा विभुर्विष्णुविभूषणः // 63 // ऋषिाह्मण ऐश्वर्यो जन्ममृत्युजरातिगः // पंचयज्ञसमुत्पतिविश्वेशो विमलोदयः॥ // 64 // अनायंत आत्मयोनिर्वत्सलो भक्तलोकधृक् // गायत्रीवल्लाः प्रांशुर्विश्ववासः प्रक्षाकरः // 65 // शिशुगिरिरतः सम्राट् सुषेणः सुरशत्रुहा // अनेमिरिष्टनेमिश्च मुक्तिदो विगतज्वरः // 16 // स्वयंज्योतिस्तपज्योतिरतिज्योतिरचंचलः // पिंगलः कपिलः श्मश्रुर्भालनेत्रत्रयीतनुः // 67 // ज्ञानस्कंदो महानीतिर्विश्वोत्पत्तिरुपलवः // भोगी विवस्वतस्तत्त्वो योगदारो दिवस्पतिः // 68 // कल्याणगुणनामा च पापहा पुण्यदर्शनः // उदारकीर्तिरुयोगी भहन्मान्यश्च सत्त्वपः // 69 // रूसो कामलिनकेशश्च स्वाधिष्ठानपदाश्रयः // पवित्रः पापनाशश्च मणिपूरो नभोगतिः // 70 // हृत्पुंडकिमासीनः शक्रः शांतो वृषाकपिः // कृष्णो ग्रहपतिः कृष्णः समर्थोऽनर्थनाशनः // 71 // अधर्मशत्रुरज्ञेयः पुरुहूतः पुरुश्रुतः // ब्रह्मगर्भी बृहद्गों धर्मधेनुर्धनागमः // 72 // जगद्धितैपी सुगतः कुमारः कुशलागमः // हिरण्यवर्णो ज्योतिष्मान्नानाभूतरतो ध्वनिः // 73 // आरोग्यो नयनाध्यक्षो / For Private And Personal Use Only