________________ Shri Mar Jain Aradhana Kendra www. bath.org Acharya Shri Kalassagasun Gyanmandir योगो योग्यो महातेजाः सिद्धः सर्वादिविग्रहः // 39 // वसुर्वसुमनाः सत्यः सर्वपापहरो हरः // सुकीर्तिः शोभितः आवी ह्यवाङ्॥ मनसगोचरः॥ 40 अमृतः शाश्वतः शांतो द्रोणहस्तः प्रतापवान् // कमंडलुधरो धन्वी वेदांगो वेदविन्मुनिः // 41 // त्राजिष्णुभो / जनं भोक्ता लोकनाथो दुरावरः // अतींद्रियो महामायः सर्वावासश्चतुष्पथः॥४२॥ कालयोगी महानादो महोत्साहो महाबलः // महाबुद्धिर्महावीर्यो भूतचारी पुरन्दरः // 13 // निशाचरः प्रेतचारी महाशक्तिर्महायुतिः // अनिर्देश्यवपुः श्रीमान् सर्वाचार्यमनोगतिः 5 // 44 // बहुश्रुतो महामायो नियतात्मा ध्रुवोऽधुवः // तेजस्तेजोद्युतिधरो नरकः सर्वशासकः // 45 // नृत्यप्रियो नित्यनृत्यः प्रकाशात्मा प्रकाशकः // स्पष्टः कुरो बुधो मंत्रः समानः सारसंप्लवः // 46 // युगादिकागावतों गंभीरो बृपवाहनः // इष्टो विशिष्टः / शिष्टेष्टः शरभः शरजो धनुः // 47 // तीर्थरूपस्तीर्थनामा तीर्थादृश्यः मुतीर्थदः // अपान्निधिरधिष्ठानं विजयो जयकालवित्॥४८॥ प्रतिष्ठितः प्रमाणज्ञो हिरण्यकवचो हरिः // विमोचनः सुरगणो विद्येशो बिंदुसंश्रयः // 42 // बालरूपो बलोन्मत्तो विकर्ता गहनो गुहः॥ करणं कारणं कर्ता सर्वबंधविमोचनः // 50 // व्यवसायो व्यवस्थानः स्थानदो जगदादिजः // गुरुदो ललितो भेदो निवा सात्मनि संस्थितः // 51 // वीरेश्वरो वीरभद्रो विश्वरूपो विधिविराट् // वीरचन्द्रो मणिर्द्धर्ता तीवानन्दो नदीश्वरः // 52 // अग्न्याधारस्त्रिशूली च शिपिविष्टः शिवालयः // बालखिल्यो महावीर्यस्तिग्मांशुबधिरः खगः // 53 // अभिरामः सुशरणः सुब्रह्मण्यः सुधानिधिः॥ मघवा कौशिको गोमान् विरामः सर्वसाधनः॥ 54 // ललाटजो विश्वदेहः सारसंसारचक्रभृत् // अमोघो दण्डिमध्य स्थो हरिणो ब्रह्मवर्चसः // 55 // परमार्थः परमयः शंबरो व्याघ्रकोऽनलः // रुचिर्वररुचिद्यो वाचस्पतिरहपतिः // 56 // रवि | For Private And Personal Use Only