________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir पीडश्चन्द्रमौलिविश्वादिश्चामरेश्वरः॥ 3 // वेदांतसारसंदोहः कपाली नीललोहितः // ध्यानाधारापरिच्छेद्यो गौरीभर्ता गणेश्वरः // 4 // अष्टमूर्तिविश्वमूर्तिस्विवर्गः स्वर्गसाधनः॥ ज्ञानगम्यो दृढप्रज्ञो देवदेवत्रिलोचनः // 5 // वामदेवो महादेवः पटुः परिबृढो दृढः // विश्वरूपो| विरूपाक्षो वागीशः शुचिमत्तरः॥ 6 // शर्वः प्रमाणसंवादीवृषांको वृषवाहनः॥ ईशः पिनाकी खट्वांगी चित्रवेपश्चिरंतनः॥७॥ तमोहरो महायोगी गोता ब्रह्माण्डहजटी // कालकालः कृत्तिवासाः सुभगः प्रणतात्मकः // 8 // त्रिपुंडधारी चाक्षुप्यो दुर्वासाः पुरशासनः॥ दिव्यायुधः स्कंदगुरुः परमेष्टी परात्परः॥९॥अनादिमध्यनिधनो गिरीशो गिरिबांधवः।। कुबेरबंधुः श्रीकण्ठो लोकवर्णोत्तमो मृदुः॥१०॥ समाधिवेद्यः कोदण्डी नीलकण्ठः परश्वधी॥ विशालाक्षो मृगव्याधः सुरेशः सूर्य्यतापनः // 11 // धर्मधामा आमाक्षेत्रं भगवान भगनेत्र मित् // उग्रः पशुपतिस्तार्थ्यः प्रियभक्तः प्रियंवदः॥ 12 // दाता दयाकरो दक्षः कपी कामशासनः // श्मशाननिलयः सक्ष्मः। श्मशानस्थो महेश्वरः // 13 // लोककर्ता मृगपतिर्महाकर्ता महौषधिः / / उत्तरो गोपतिगोता ज्ञानगम्यः पुरातनः।। 14 // नीतिः। सुनीतिः शुद्धात्मा सोमः सोमतरः सुखी / सोमपोऽमृतपः सौम्यो महाज्योतिर्महाद्युतिः // 15 // तेजोमयोऽमृतमयोन्नमयश्च मुधापतिः॥ अजातशत्रुरालोकसंभाव्यो हव्यवाहनः॥ 16 // लोककरो वेदकरः मूत्रकारः सनातनः।। महर्षिः कपिलाचार्यो विश्वदीप्तिर्विलोचनः // 17 // पिनाकपाणिर्भूदेववशगः स्वस्तिकत्सुधीः // धातृधामा धामकरः सर्वदः सर्वगोचरः / / 18 // ब्रह्ममृग्विश्वसृक्सर्वः कर्णि / कारप्रियः कविः // शाखो विशाखो गोशाखः शिवो भिषगनुत्तमः // 19 // गंगाप्लवोदको भव्यः पुष्कलः स्थपतिः स्थिरः / / विजितात्मा विधेयात्मा भूतवाहनसारथिः // 20 // सगणो गणवर्यश्च मुकीर्तिश्च्छिन्नमंशयः / / कामदेवः कामपालो भस्मोद्ध For Private And Personal Use Only