________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir द्रे यदीच्छेदात्मनो हितम् // योर्चयेद्धपुष्पायैः कवचं मन्मुखोदितम् // तेनाचिंता महादेवि सर्वे देवा न संशयः // " इति भैरवतन्त्र सदाशिवकवचं समाप्तम् // अथ सदाशिवस्तोत्रप्रारंभः // “धरापोग्निमरुद्वयोममखेशेवर्कमूर्तये // सर्वभूतान्तरस्थाय शंकराय नमो नमः // 1 // श्रुत्यंतकृतवासाय श्रुतये श्रुतिजन्मने // अतीन्द्रियाय महसे शाश्वताय नमोनमः // 2 // स्थूलसूक्ष्मविभागाभ्याम निर्देश्याय शंभवे // भवाय अवसंभूतदुःखहंत्रे नमोस्तु ते // 3 // तर्कमार्गातिदृराय तपसां फलदायिने // चतुर्वर्गवदान्याय सर्वज्ञाय नमोनमः // 4 // आदिमध्यांतशून्याय निरस्ताशेषभीतये // योगिध्येयाय महते निर्गुणाय नमोनमः // 5 // विश्वात्मनेऽविचिंत्याय विलमच्चंद्रमौलये // कंदर्पदपकालाय कालहत्रे नमोनमः // 6 // विषाशनाय विहरद्वपस्कंधमुपेयुषे / / सरिद्वामसमावद्धकपर्दाय नमोनमः // 7 // शुद्धाय शुद्धनावाय शुद्धानामंतरात्मने / पुरांतकाय पूर्णाय पुण्यनाम्ने नमोनमः / / 8 // भक्ताय निजभक्तानां भुक्तिमुक्तिप्रदा। यिने / / विवाससे विवासाय विश्वेषां ते नमोनमः॥९॥ त्रिमूर्तिमूलभूताय त्रिनेत्राय नमोनमः // त्रिधाम्ना धामरूपाय जन्मन्नाय नमो नमः // 10 // देवासुरशिरोरत्नकिरणारुणितांघये।।कांताय निजकांतायै दत्तार्द्धाय नमोनमः // 11 // स्तोत्रेणानेन पूजायां प्रीणयेज्जगतः पतिम् / भक्तिमुक्तिपदं भक्त्या सर्वज्ञ परमेश्वरम् // 12 // " इति सदाशिवस्तोत्रं समाप्तम् // अथ शतनामस्तोत्रप्रारंभः॥ ॐ शिवो || महेश्वरः शंभुः पिनाकी शशिशेखरः॥वामदेवो विरूपाक्षः कपर्दी नीललोहितः॥१॥शंकरः शूलपाणिश्च खटांगी विष्णुवल्लभः॥ शिपिवि टोम्बिकानाथः श्रीकण्ठो भक्तवत्सलः॥२॥भवः सर्वत्रिलोकेशः शितिकंठः शिवाप्रियः॥ उग्रः कपाली कामारिरन्धकासुरसूदनः॥३॥ १नाशायेति पाठान्तरम् / / For Private And Personal Use Only