________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir // 14 // A. निमिषतोमहित्वे विधमइतिमन्निति त्रिवारं पठेत् / मनोजूतिर्जुषता सुप्रतिष्ठा प्रतिष्ठा / इत्युक्त्वा संस्कारसिद्धये पंचदशप्रणवावृत्तीः कृत्वा पू० ख०१ अनेन महादेवसपरिवारयंत्रस्य गर्भाधानादिपंचदशसंस्कारान्संपादयामि इति वदेत् / ततः ॐ यंत्रराजाय विद्महे महायंत्राय धीमहि शि. तन्नो यंत्रः प्रचोदयात् // इत्यष्टोत्तरशतकत्वोऽभिमंत्र्य पाद्यादिपूजनं कुर्यात् / / अथ पाद्यादिपूजनम् // आयाहि भगवशंभो तरं० शर्व त्वं गिरिजापते // प्रसन्नो भव देवेश नमस्तुभ्यं हि शङ्कर // इत्यावाहनम् // 1 // विश्वेश्वर महादेव राजराजेश्वरप्रिय // आसनं दिव्यमीशान दास्येहं तुज्यमीश्वर // इत्यासनम् // 2 // ॐ स्वागतं देवदेवेश मद्भाग्यात्त्वमिहागतः // प्राकृतं त्वमदृष्ट्वा मां बालवत्परि पालय // इति सुस्वागतम् // 3 // ॐ महादेव महेशान महादेव परात्पर // पाद्यं गृहाण महत्तं पार्वतीसहितेश्वर // इति पाद्यम् // 4 // त्र्यंबकेश सदाचार जगदादिविधायक // अयं गृहाण देवेश सांब सर्वार्थदायक // इत्यय॑म् // 5 // ॐ त्रिपुरांतक दीनातिनाशिन्छी कण्ठ शाश्वत // गृहाणाचमनीयं च पवित्रोदककल्पितम् // इत्याचमनीयम् // 6 // ॐ गंगासरस्वतीरेवापयोष्णीनर्मदाजलैः॥ नापितोऽसि कमया देव तथा शांतिं कुरुष्व मे ॥इति जलस्नानम् ॥७॥ॐ मधुरं गोपयः पुण्यं पटपूतं पुरस्कृतम् // नानार्थ देवदेवेश गृहाण परमेश्वर // इति दापयःस्नानम् // 8 // दुर्लभं दिवि सुस्वादु दधि सर्वप्रियं परम् ॥पुष्टिदं पार्वतीनाथ स्नानाय प्रतिगृह्यताम् // इति दधिनानम् ॥९॥ॐ घृतं गव्यं / शुचि स्निग्धं सुसेव्यं पुष्टिमिच्छताम् // गृहाण गिरिजानाथ स्नानाय चंद्रशेखर // इति घृतस्नानम् // 10 // ॐ मधुरं मृदु मोहन्नं स्वरभङ्ग) विनाशनम् // महादेवेदमुत्सृष्टं तब स्नानाय शंकर // इति मधुनानम् // 11 // ॐ तापशांतिकरी शीता मधुरा स्वादुसंयुता // स्मानार्थ देवदेवेश शर्करेयं प्रदीयते // इति शर्करोदकस्नानम् // 12 // ॐ गंगा गोदावरी रेवा पयोष्णी यमुना तथा // सरस्वत्यादि For Private And Personal Use Only