________________ www.kabath.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मं० म० देवशाह स्वमहादेवामुकमंत्रसिद्धिप्रतिबंधकाऽशेषदुरितक्षयपूर्वकामुकमंत्रसिद्धिकामोऽद्यारश्य यावता कालेन सेत्स्यति तावत्कालपर्यन्त पू• खं० / ममुकमंत्रस्य इयत्संख्याजपतद्दशांशहोमतद्दशांशतर्पणतदशांशमार्जनतद्दशांशाभिषेकतद्दशांशब्राह्मणभोजनरुपपुरश्चरण (केवलजपरूपपुर शाशितं. चरणं वा) महं करिष्ये / इति संकल्प्य। “ॐ मुदर्शनायास्त्राय फट" इति मंत्रेण तालत्रयं दिग्बंधनं कुर्यात् / ततो भूतशुद्धिं स्वप्राण तरं०६ प्रतिष्ठामंतर्मातृकाबहिर्मातृकासृष्टिस्थितिसंहारमातृकान्यासं च सर्वदेवोपयोगिपद्धतिमार्गेण कृत्वा प्रयोगोक्तन्यासान् कुर्यात् / अथ पीठ पूजनम् / पीठादौ रचिते सर्वतोभद्रमण्डले लिंगतोभद्रमण्डले वा स्वबामे श्रीगुरुभ्यो नमः // 1 // दक्षिणे ॐ गणपतये नमः // 2 // मध्ये स्वेष्टदेवतायै नमः // 3 // इति नत्वा पीठमध्ये ॐ मं मंडूकाय नमः // 1 // ॐ के कालाग्निरुद्राय नमः // 2 // ॐ अं आधारशक्तये नमः // 3 // ॐ कू कूर्माय नमः // 4 // ॐ अं अनन्ताय नमः // 5 // ॐ पृ पृथिव्यै नमः // 6 // ॐ क्षी साक्षीरसागराय नमः // ७॥ॐ रत्नदीपाय नमः // ८॥ॐ रं रत्नमंडपाय नमः // 9 // ॐ कं कल्पवृक्षाय नमः॥१०॥ ॐ रं रत्नवेदिकायै नमः // 11 // ॐ रं रत्नसिंहासनाय नमः // 12 // इति पूजयेत् / आमेच्याम् ॐ धं धाय नमः // 13 // नैर्ऋत्याम् ॐ ज्ञा ज्ञानाय नमः // 14 // वायव्याम् ॐ व वैराग्याय नमः॥ 15 // ऐशान्याम् ॐ ऐं ऐश्वर्याय नमः // 16 // पूर्व ॐ अं अधर्माय नमः // 17 // दक्षिणे ॐ अं अज्ञानाय नमः // 18 // पश्चिमे ॐ अं अवैराग्याय नमःnt // 19 // उत्तरे ॐ अं अनैश्वर्य्याय नमः // 20 // पुनः पीठमध्ये ॐ आं आनन्दकन्दाय नमः // 21 // ॐ सं संविन्नालाय नमः॥ 22 // ॐ सं सर्वतत्त्वकमलासनाय नमः॥ २३॥ॐ अं प्रकृतिमयपत्रेभ्यो नमः // 24 // ॐ विं विकारमयकेसरेत्यो For Private And Personal Use Only