________________ Shri Matavian Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir लिका // दोपसंस्कारशुद्धादीन् ज्ञात्वा कर्माणि साधयेत् / / 33 / / साध्यसाधककर्माणि लेखन्या द्रव्यपंचकम् / / स्थानं यंत्रप्रमाणे च ज्ञात्वा कर्माणि माधयेत् // 34 // अथवासनादिदिग्वर्णनाडीतत्त्वानुसंगतिम् // देवताकालमंद्रां च ज्ञात्वा कर्माणि साधयेत् // 35 // उत्पत्तिरसनावर्णान्मूर्तिसंस्कारसंस्थितिम् // कुंडव्यप्रामाणदीन ज्ञात्वा होम समाचरेत् / / 36 // अग्निप्रभाधूम्रवर्ण ध्यानगंधशिखाकृतीः / / दूतचेष्टादिकं ज्ञात्वा कल्पयेत्तु शुभाशुभम् // 37 // मंत्रतत्त्वानुसंधानं देहावेशादिलक्षणम् / / मंत्रोच्चारणभेदे च ज्ञात्वा कर्माणि साधयेत् // 38 // मंडलं कलशं दिव्यं शुद्धगंधाष्टकादिकम् दीक्षां वामप्रदायीं च ज्ञात्वा दीक्षां समाचरेत् // 39 // नित्यं नैमित्तिकं काम्यं नियमं नाम वासनाम् // पूजाधारणयंत्राणि ज्ञात्वा कर्माणि साधयेत् // 40 // पूजागृहप्रवेशादि / कुलपूजनलक्षणम् // कुलद्रव्यादिशुद्धिं च ज्ञात्वा पूजा समाचरेत् // 41 // अथ गुरुशिष्यपरीक्षणम् // ज्ञानेन क्रियया वापि गुरुः शिष्यं परीक्षयेत् // संवत्सरं तदई वा तदर्द्ध वा प्रयत्नतः॥ 42 // शिष्योपि लक्षणैरेतैः कुर्याद्रुपरीक्षणम् // आनंदाजपैस्तोत्रैानहोमार्चनादिषु // 43 // ज्ञानोपदेशसामर्थ्य मंत्रशुद्धमपीश्वरम् // बोधकत्वं च विज्ञाय शिष्योभूयान्न चान्यथा // 14 // (कुलार्णवतंत्रे ) श्रीगुरुः परमेशानि शुद्धवेषो मनोहरः // सर्वलक्षणसंपन्नः सर्वावयवशोभितः // 45 // अग्रगण्याला गर्भारश्च पात्रापात्रविशेषवित् / / शिवविष्णुसमः साधुन च दर्शनदूषकः // 46 // नित्यनैमित्तिके काम्ये रतः कर्मण्यनिन्दिते // यहच्छालामसंतुष्टो गुणदोषविभेदकः // इत्यादिलक्षणोपेतः श्रीगुरुः कथितः प्रिये // 47 // अथ गुरुमाहात्म्यम् / / अत्रिनेत्रः / / शिवः साक्षादचतुर्बाहुरच्युतः॥ अचतुर्वदनो बह्मा श्रीगुरुः कथितः प्रिये // 48 // अथ त्याज्यगुरुः // निन्दितस्तु पितुर्मत्र For Private And Personal Use Only