________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir मं० म० // 107 // शांतः श्रेष्ठः श्रव्यः शचीपतिः // 25 // वेदाद्यो वेदकर्ता च वेदवेद्यः सनातनः // विद्यारदो वेदरमो वैदिको वेदपारगः // 26 // पू० ख०१ वेदध्वनिरतो वीरो वेदवेदांगस्वर्थवित् // तत्त्वज्ञः सर्वगः साधुः सदयः सदसन्मयः // 27 // शिवकरः शिवसुतः शिवानंदविवर्द्धनःग तं. सैन्यः श्वेतः शतमुखो मुग्धो मोदकभंजनः // 28 // देवदेवो दिनकरो धृतिमान्युतिमान्धनः // शुद्धात्मा शुद्धमतिमान् शुद्धदीमिः तरं०५ शुचिवतः // 29 // शरण्यः शौनकः शूरः शब्ददीजटोरुकः / / दारकः शिखिवाहेष्टः सितः शंकरबल्लभः॥ 30 // शंकरो निर्भ यो नित्यो लयरुल्लास्यतत्परः / / लूतो लीलारसोल्लासी विलासी विनमो नमः // 31 // चमणः शशिभृत्सूर्यः शनिर्धरणनंदनः।। बुधो विबुधमेव्यश्च बुधराजो बलंधरः॥३२॥जीवो जीवप्रदो जेता स्तुत्यो नित्यो रतिप्रियः॥ बुधो विबुधसेव्यश्च जनरक्षणतत्परः।।३३जनानंद प्रदाता च जनकालादकारकः॥गच्छो गणपतिर्गच्छनायको गच्छगर्वहा / / 34 // गच्छराजोथ गच्छेशो गच्छराजनमस्कृतः॥गच्छप्रियो गच्छगुरुर्गच्छत्रालयमातुरः / / 35 / / गच्छप्रभुर्गच्छचरो गच्छप्रियकृतोद्यमः // गच्छगीतगुणो गता मर्यादाप्रतिपालकः // 36 // गीर्वाणागमसारस्य नभो गीर्वाणदेवता / / संपत्तिसदनाकारः संपत्तिसुखदायकः / / 37 / / संपनिसुखकर्ता च संपनिनुभगाननः // संपत्तिशुभदो नित्यं मंपत्तिश्चतपोधनः / / 38 // रुचको मेचकस्तुष्टः प्रभुस्तोमरघातकः / / दंडी चंडांशुरव्यक्तः कमंडलुधरोऽनघः | // 39 // कामी कर्मरतः कालकोलः कंदितदिक्तटः // नामको जातिपूज्यश्च जाड्यहा जडसूदनः // 40 // जालंधरो जग द्धासी हासकगहनो गुहः // हविष्मान्हव्यवाहाशो हाटको हाटकांगदः // 41 // मुमेरुहिमवान्होता हरपुत्रो हलांकपः // हालाप्रियो हृदा शांतः कांताहृदयपोषणः // 42 // शोषणः केशहा करः कुबेरः कविताकतिः // कुबेरो धीमयो धीता ध्येयो धीमान्दया For Private And Personal Use Only