________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गणपतिर्गुणी // गुणाढयो निर्गुणो गोता गजवको विभावसुः।। 7 // विश्वेश्वरो विभादीतो दीपनो धीवरो धनी // सदा शांतो जगत्राता) विश्वावर्ती विनाकरः // 8 विश्रंभी विजयो वैद्यो वारांनिधिरनुत्तमः / / अणिमाविभवः श्रेष्ठो ज्येष्ठो गाथाप्रियो गुरुः / / 1 / / मृष्टिकर्ता Kal जगद्धर्ता विश्वना जगन्निधिः // पतिः पीतविभूषांको रक्तास्यो लोहितांबरः // 10 // द्विपाशोच्चविमानस्थो विनयः सदयः सुखी // सुरूपः सात्त्विकः सत्यः शुद्धश्शंकरनंदनः // 13 // नंदीश्वरो जयानंदी बंधस्तुत्यो विचक्षणः // दैत्यमी सदाक्षीबो मदि चारारुणलोचनः // 12 // सारात्मा विश्वसारश्च विश्वसारो विलेपनः / / परं ब्रह्म परं ज्योतिः माझी व्यक्षो विकस्थितः // 3 // विश्वेश्वरो वीरहर्ता सौजाग्यो भाग्यवर्द्धनः।। मुंगीरिटी गमाली गजितनादितः // 14 // विवर्तको विनीतोपि नयनानंदनार्चितः // गंगाजलपानप्रियो गंगातीरविहारिणः // 15 // गंगाप्रियो गंगजश्च वाहनानि पुरः सदा / / गंधमादनसंवासो गंधमादनकेलिकत | 16 // गंधानुलिप्तपूर्वागः सर्वदेवस्मरः सदा / / गणगंधर्वराजेशो गणगंधर्वसेवितः // 17 // गंधर्वपूजितो नित्यं सर्वरोगविनाशकः॥ Kगंधर्वगणसंसेव्यो गंधर्ववरदायकः // 18 // गंधर्वो गंधमातंगो गंधर्वकुलदैवतः / / गंधर्वगर्वसंवेगो गंधर्ववरदायकः // 19 // गंधर्व / प्रबलासत्वं गंधर्वगणसंयुतः // गंधर्वादिगुणानंदो नंदोनंतगुणात्मकः // 20 // विश्वमूर्तिविश्वधाता बिनतास्यो विनर्तकः // करालः कामदः कांतः कमनीयः कलानिधिः / / 23 // कारुण्यरूपः कुटिलः कुलाचारी कुलेश्वरः / / विकरालो रणः श्रेष्ठः महारो हारभू पणः / / 22 / / ऊरूरम्यमुखो रत्तो देवतादयितो रमः // महाकालो महादंष्ट्रो महोरगभयानकः / / 23 / / उन्मनरूपः कालाग्निरनि सूर्येन्दुलोचनः // मितास्यश्वामितात्मा भैरवसौभाग्यवान्भगः / / 24 // भन्मजो भगावासो भगदो भगवर्द्धनः / / शुभंकरः शुचिः For Private And Personal Use Only