________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir नारीयोनिरसास्वादं पातु मां गजकर्णकः // 35 // प्रसन्नवदनः पातु पातु मां भगवल्लनः // जटाधरः सदा पातु पातु मां च किरी] टिकः // 36 // पद्मासनस्थितः पातु रक्तवर्णश्च पातु माम् // नग्नसामपदोन्मत्तः पात मां गणदेवतः // 37 // वामांगे सुंदरीयुक्तः पातु मां मन्मथप्रभुः // क्षेत्रपः पिशितं पातु पातु मां श्रुतिपाठकः // 38 // भूषणाढ्यस्तु मां पातु नानाभोगसमन्वितः॥ स्मिताननः सदा पातु श्रीगणेशकुलान्वितः / / 35 / / श्रीरक्तचंदनमयः मुलक्षणगणेश्वरः ॥श्वेतार्कगणनाथश्च हरिद्रागणनायकः // 10 // पारभ गणेशश्च पातु मतगणेश्वरः // प्रवालकगणाध्यक्षो गजदंतो गणेश्वरः // 4 // // हरबीजगणेशश्च भद्राक्षगणनायकः // दिव्यौषधि समुद्भूतो गणेशचिंतितप्रदः // 42 // लवणस्य गणाध्यक्षो मृत्तिकागणनायकः // तंडुलाक्षगणाध्यक्षो गोमयश्च गणेश्वरः // 43 // स्फटिकाक्षगणाध्यक्षो रुद्राक्षगणदेवतः / / नवरत्नगणेशश्च आदिदेवा गणेश्वरः / / 44 ॥पंचाननश्चतुर्वक : षडाननगणेश्वरः // मयूरवाहनः पातु पातु मां मृषकामनः // 45 // पात मां देवदेवेशः पातु मामृषिपूजितः / / पातु मां सर्वदा देवो देवदानवपूजितः॥४६॥ विलोक्यपूजितो देवः पातु मां च विभुः प्रभः // रंगस्थं च सदा पातु सागरस्थं सदाऽवतु // 47 // भृमिस्थं च मदा पातु पातालस्थं| च पातु माम् // अंतरिक्षे सदा पातु आकाशस्थं सदावतु // 48 // चतुःप्पथे सदा पातु त्रिपथस्थं च पातु माम् // बिल्वस्थं च वनस्थं च पातु मां सर्वतस्तनम् // 49 / / राजद्वारस्थितं पातु पातु मां शीघ्रसिद्धिदः // भवानीपूजितः पातु ब्रह्मविष्णु शिवार्चितः // 50 // इदं तु कवचं देवि पठनात्सर्वसिद्धिदम् // उच्छिष्टगणनाथस्य समंत्र कवचं परम् // 5 // स्मरणाद्ध भुजत्वं च लभते सांगतां श्रुवम् // वाचःमिद्धिकरं शीघं परसैन्यविदारणम // 52 // प्रातमध्याह्नसायाह्ने दिवा रात्रौ पठेन्नरः // MINS For Private And Personal Use Only