________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir 103 // म०म०मंत्रभूतं प्रपूजयेत् // तत्र सर्वानमा लक्ष्मीः मन्निधने निरंतरम् // 206 // दानरशेपरखिलैव्रतैश्च तीर्थरशेषैस्सकलैमखैश्च // न तत्फलं विंदति यद्गणेशमहस्रनाम्नां स्मरणेन सद्यः // 207 // एतन्नाम्नां सहस्रं पठति दिनमणौ प्रत्यहं प्रोज्जिहाने सायम्मध्यन्दिने वा त्रिषवण मथवा मंततं वा जना यः // स स्यादैश्चर्यधुर्म्यः प्रभवति वचमा कीर्तिमुच्चैस्तनोति प्रत्यूहं हंति विश्वं वशयति सुचिरं बर्द्धते पुत्रपौत्रैः // 208 // अकिंचनोप्येकचित्तो नियतो नियताशनः // जपेनु चतुरो मासान्गणेशाचनतत्परः // 209 // दरिद्रतां समुन्मूल्य समज मानुगामपि // लभते महतीं लक्ष्मीमित्याज्ञा पारमेश्वरी // 210 // आयुष्यं वीतरोगं कुलमतिविमलं सम्पदश्चातदानाः कीर्ति नित्यावदाता भणितिरभिनवा कांतिरव्याजभव्या // पुत्रास्मतः कलत्रं गुणवदनिमतं यद्यदेतच्च सत्यं नित्यं यः स्तोत्रमेतत्पठति गणपते स्तस्य हस्ते समस्तम् // 211 // ॐ गगंजयो गणपतिहरंबा धरणीधरः॥ महागणपतिर्लक्षपदः क्षिप्रप्रसादनः // 212 // अमोघ सिद्धिरमितो मंत्रश्चिंतामणिनिधिः / / सुमंगलो बीजमाशापूरको वरदः शिवः // 213 // काश्यपो नंदनो बाचामिद्धो दुढिविनायकः॥ मोदकैरेभिरत्रैकविंशत्या नामभिः पुमान् // 214 // यः स्तौति मद्तमना ममाराधनतत्परः।। स्तुतो नाम्नां सहस्रेण तेनाहं नात्र संशयः // 215 नमोनमस्सरवरपूजितांघये नमोनमो निरुपममंगलात्मने // नमोनमो विपुलकरैकसिद्धये नमोनमः करिकलभाननाय ने S // 216 // किंकिणिगणरणितस्तवचरणः प्रकटितगृरुमतिचरितविशेषः // मदजललहरीकलितकपोलः शमयतु दुरितं गणपति नामा // 217 // इति श्रीवक्रतुंडगणेशसहस्रनामस्तोत्रं समातम् // अथ वक्रतुंडशतनामस्तोत्रप्रारंभः // गणेश्वरो गणक्रीडो महागणपतिस्तथा // विश्वकर्ता विश्वमुखो इजयो धर्जयो जयः // // स्वरूपः सर्वनेत्राधिवासो वीरासनाश्रयः // योगाधिपस्तार // 10 For Private And Personal Use Only