________________ Shri Maharjan Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagasun Gyanmandir विनायकधुरन्धरः॥ मनकोटिमहामंत्रमंत्रितावयवद्युतिः // 17 // त्रयस्त्रिंशत्कोटिमुरश्रेणीप्रणतपादुकः // अनंतदेवतामेव्योप० खं० 1 ह्यनन्तमुनिसंस्तुतः // 17 // अनन्तनामानन्तश्रीरनन्तानन्तमोग्यदः // इति वैनायकं नाम्नां महमिदमीरितम् // 17 // इदं ब्राह्म मुहूर्ते वै यः पठेत्प्रत्यहं नरः // करस्थं तम्य मकलमैहिकामुष्मिकं मुखम् // 174 // आयुरारोग्यमश्वर्य धर्मः शौर्य बलं यशः // मेधा प्रना धृतिः कातिस्मौभाग्यमतिरूपता // 175 // मत्यं दया अमा शांतिक्षिण्यं धर्मशीलता // जगसंयमनं विश्व / मंवादा वादपाटवम॥ 176 // मनापाण्डित्यमादाय गाम्भीयं ब्रह्मवर्चसम // औन्नत्यं च कुलं शीलं प्रतापो वीर्यमार्यता॥ 177 // नानं विज्ञानमास्तिस्यं धैर्य विश्वातिशायिता // धनधान्याभिवृद्धिश्च मकदस्य जपावेत / / 178 // वश्यं चतुर्विधं नृणां जपादस्य प्रजायते ॥रानो राजकलत्रम्य राजपुत्रस्य मंत्रिणः // 17 // जप्यते यस्य वश्यार्थे म दामस्तम्य जायते // धर्मा र्थकाममोक्षाणामनायासेन माधनम् // 180 // शाकिनीडाकिनीरक्षोयक्षोरगभयापहम् // साम्राज्यमुखदं चैव समस्तरिपुमई नम् // 181 // ममम्तकलहध्वंमि दग्धबीजप्ररोहणम // दुःस्वमशमनं कृद्धस्वामिचिनप्रमादनम् // 182 // षटकर्माष्टमहामिद्धि त्रिकालज्ञानमाधनम् // परकन्योपशमनं परचक्रविमर्दनम् // 183 // मंग्रामग्ङ्गसर्वेषामिदमेकं जयावहम // एवं बंध्यात्वदोषनं गर्भरक्षेककारणम् // 181 // पकाते प्रत्यहं यत्र स्तोत्रं गणपतेरिदम् // देशे तत्र न दुर्तिक्षमीतयो दुरितानि च // 185 // ना तद्गेहं जहाति श्रीयंत्रायं जप्यते स्तवः // श्रयकुष्ठप्रमेहाशभिगन्दरविषचिकाः // 186 // गुल्म प्लीहानमाध्मानमतिमारं महोदरम् // कामं श्वासमृदावर्त शूल शोकादिसम्भवम् // 187 / / शिरोरोग वमिं हिक्कां गण्डमालामरोचकम् // वातपिनकफद्वात्रिदोषजनि // 102 // For Private And Personal Use Only