________________ www. Acharya Shri Kasagar Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra bath.org अ. म.म. वर्धनीभवः // 21 // यज्ञकायो महानादो गिरिवमा शुभाननः // मर्वात्मा मर्वदेवात्मा ब्रह्ममुझे कक्रपथनिः // 27 // ब्रह्माप० खं० 1 ण्डकुम्भाश्चिद्वयोमभालः मत्यशिरोमहः // जगजन्मलयोन्मेपनिमिषोश्यर्कमोमहक् // 26 // गिरीन्द्रकरदो धम्मा धर्मिष्ठः|| // 98 // मामबंहितः // ग्रह दशनी वाणीजिद्दो बासवनासिकः // 27 // मध्यमंस्थितकरो ब्रह्मविद्यामदोत्कटः // कलाच लांमः सोमार्कयण्टो मदशिरोधरः // 28 // नदीनदर्भुजः सांगुलीकस्तारकानखः // व्योमनाभिः श्रीहृदयो मेरुन पृष्ठोऽर्णवोदरः / 1. // कुश्मिस्थयक्षगंधर्वरक्षःकिन्नरमानुषः // पृथ्वीकटिः सृष्टिलिंगः शेलारुर्दनजानुकः // 30 // पातालजंघो मुनिपात्कालागुष्टस्वयीतनुः।। ज्योतिर्मण्डललागलो हृदयालातनिश्चलः // 33 // हृत्पनकर्णिकाशाली वियत्केलिमरोवरः॥ मद्भक्तध्याननिगडः पूजावारिनिवारितः // 32 // प्रतापी कश्यपसुतो गणपो विष्टपी बली // यशम्बी धार्मिकः स्वोजाः प्रथमः प्रमथे| श्वरः // 33 // चिंतामणिदीपपतिः कल्पद्रुमवनालयः // रत्नमंडपमध्यस्थो रत्नसिंहासनाश्रयः // 34 // तीवाशिरोधृतपदो ज्वालि नीमौलिलालितः // नन्दानन्दितपीठश्री गदो भूषितामनः // 35 // सकामदायिनीपीठःस्फुरदुग्रामनाश्रयः // तेजोवतीशिरोरत्न सत्या नित्यावतंमितः // 36 // सविघ्ननाशिनीपीठः मर्वशक्त्यम्बुजाश्रयः // लिपिपद्मासनाधारो बनियामत्रयाश्रयः // 37 // उन्नतप्रपदागृढगुल्फसंवृतपाजिकः॥पीनजंघः श्लिष्ट जानुः स्थूलोरुः प्रोन्नमत्कटिः॥३८॥निम्ननाभिः स्थूलकुक्षिः पीनवक्षा वृहटुजः // पीनस्कंधः कम्बुकंठो लम्बोष्ठो लम्बनासिकः // 39 // भनयामरदस्तुङ्गमव्यदन्तो महाहनुः॥ ह्रस्वनेत्रत्रयः शूर्पकों निबिडमस्तक॥ IAS 40 // स्तबकाकारकम्भायो रत्नमालिनिरंकुशः / / सर्पहारकटीसूत्रः सर्पयज्ञोपवीतवान // 41 // मापकोटीरकटकः मर्पये // 98 // For Private And Personal Use Only