________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गणनाथो गणाधिपः // एकदंष्ट्रो वक्रतुण्डो गजवको महोदरः // 6 // लम्बोदरो धूम्रवर्णो विकटो विघ्ननायकः / / सुमुखो दुर्मुखो बुद्धो विश्नराजो गजाननः // 7 // भीमः प्रमोद आमोदः सुरानन्दो मदोत्कटः॥ हेरम्बः शम्बरः शम्भुर्लम्बकर्णो महाबलः॥८॥ नन्दनो / लम्पटोभीरुमघनादो गणंजयः // विनायको विरूपाक्षो धीरः शूरो वरप्रदः // 5 // महागणपतिर्बुद्धिप्रियः क्षिप्रप्रसादनः // रुद्रप्रियो / गणाध्यक्ष उमापुत्रोऽधनाशनः // 10 // कुमारगुरुरीशानपुत्रो मूषकवाहनः॥ सिद्धिप्रियः सिद्धिपतिः मिद्धः सिद्धिविनायकः॥ 11 // अविनस्तुम्बुरुः सिंहवाहनो मोहिनीप्रियः // कटंकरो राजपुत्रः शालकः मम्मितो मितः // 12 // कृष्माण्डसाममम्भूतिर्दुर्जयो धूर्जयो जयः // भूपतिर्भुवनपतिर्भूतानाम्पतिरव्ययः // 13 // विश्वकर्ता विश्वमुखा विश्वरूपो निधिघृणिः // कविः कवीनामृपभा ब्रह्मण्यो ! ब्रह्मणस्पतिः // 14 // ज्येष्ठराजो निधिपतिनिधिप्रियपतिप्रियः / / हिरण्मयपुरान्तस्थस्मृर्यमण्डलमध्यगः // 15 // कराहतिध्वस्तमिन्धु मलिलः पृषदन्तहुत // उमांककेलिकुतुकी मुक्तिदः कुलपालनः // 16 // किरीटी कुण्डली हारी बनमाली मनोमयः // वैमुख्य हतदैत्यश्रीः पादाहतजितक्षितिः // 17 // सद्योजातः स्वर्णमुञ्जमेखली दुनिमिनहृत् // दुरुस्वमहृत्प्रसहनो गुणिनादप्रतिष्ठितः। 1000 मुरूपः सर्वनेत्राधिवासो वीरासनाश्रयः // पीताम्बरः खण्डरदः खण्डेन्दुकृतशेखरः // 19 // चित्रांकः श्यामदशनो भालचन्द्रश्यतु भुजः // योगाधिपस्तारकस्थः पुरुषो गजकर्णकः // 20 // गणाधिराजो विजयस्थिरो गजपतिर्द्धजी / / देवदेवः स्मरप्राणो दीपको था वायुकीलकः॥२१॥विपश्चिद्वरदो नादी नादभिन्नबलाहकः॥वाराहरदनो मृत्युञ्जयो व्याघाजिनाम्बरः॥२२॥ इच्छाशक्तिधरो देवत्राता दैत्यविमर्दनः॥शम्भुवकोद्भवः शम्भुकोषहा शम्भुहास्यभः ॥२३॥शम्भुतेजाः शिवाशोकहारी गौरीमुखावहः // उमांगमलजो गौरीतेजोभूः For Private And Personal Use Only