________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir म० स्थम // गजाननं यं प्रविशति संतस्तत्कालयोगैस्तमहं प्रपद्ये // 17 // वेदांतगीतं पुरुषं भजेहमात्मानमानंदघनं हृदिस्थम् // // 97 // गजाननं यन्महसा जनानां विनांधकारो विलयं प्रयाति // 18 // शंभोः समालोक्य जटाकलापे शशांकखंडं निजपुष्करेण // | स्वभग्नदंतं प्रविचिंत्य मौग्ध्यादाक्रष्टुकामः श्रियमातनोतु / / 19 // विनार्गलानां विनिपातनार्थ यं नारिकेलैः कदलीफलाद्यैः // प्रसादयंते मदवारणास्यं प्रभुं सदाभीष्टमहं अजेयम् // 20 // यज्ञैरनेकर्बहुभिस्तपोभिराराध्यमायं गजराजवक्रम् // स्तुन्यानया ये विधिवत्स्तुति ते सर्वलक्ष्मीनिलया भवति // 21 // इति गणेशस्तवराजः समानः // अथ बक्रतुंडगणेशसहस्रनामस्तो प्रारम्भः // व्यास उवाच // कथं नाम्नां सहस्रं स्वगणेश उपदिष्टवान् / / शिवाय तन्ममाचक्ष्व लोकानुग्रहतत्पर // 1 // ब्रह्मोवाच // देवदेवः पुरारातिः पुरत्रयजयोद्यमे // अनर्चनाद्गणेशस्य जातो विन्नाकुलः किल // 2 // मनमा म विनिर्धार्म्य ततस्तविघ्नकारणम् // महागणपतिं भत्तया समस्यय॑ यथाविधि // 3 // विघ्नप्रशमनोपायमपृच्छदपराजितः // मंतुष्टः पूजया शम्भोर्महागणपतिः स्वयम // 4 // मर्वविब्लैकहरणं सर्वकामफलप्रदम् // ततस्तस्मै स्वकं नाम्नां महमिदमत्रवीत // 5 // Nॐ अस्य श्रीमहागणपतिसहस्रनाममालामंत्रस्य / गणेश ऋषिः। नानाविधानि च्छन्दांसि / महागणपतिर्देवता / गमिति बीजम / तुण्ड मिति शनिः / स्वाहेति कीलकम् / सकलविघ्ननाशनद्वारा महागणपतिप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः // ॐ गणेशऋषये नमः शिरसि // नानाविधच्छन्दम नमः मुखे 2 // महागणपतिदेवतायै नमः हृदि 3 // गं बीजाय नमः गुह्ये 4 // तुण्डशक्तये नमः पादयोः 5 // स्वाहाकीलकाय नमः नासो 6 // विनियोगाय नमः सर्वाग 7 // इति ऋष्यादिन्यामः॥ महागणपतिरुवाच // ॐ गणेश्वगे गणक्रीडो m For Private And Personal Use Only