________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir यकागदः / मर्पकक्ष्योदराबन्धः सप्र्पराजोनरीयकः / / 42 // लो ताम्बरथरो कमाल्यविरूपणः / / र तेहगो ककरो रक्त ताल्बोष्ठपल्लवः।। 43 // श्वेतः श्वेताम्बरधरः श्वेतमाल्यविभवणः // खेतातपत्ररुचिरः श्वेत चामरवीजितः // 14 // मदियवसम्पूर्णः सर्वलक्षणलक्षितः // मर्वाभरणशोभाढयः सर्वशोनाममन्वितः // 45 // सर्वमंगलमांगल्यः नर्वकारणकारणम् ॥गर्दककरशाङ्गी पृजपूरी गदाधरः॥४६॥ इक्षुचापधरशूली चक्रपाणिम्सरोजभृत्॥पाशी धृतोत्पलः शालिमअरीभृत्स्वदन्तभृत् / / 47 // कल्पवल्लीधरो विश्वाभय / वादेककरो वशी // अक्षमालाधरो ज्ञानमुद्रावान्मुद्गगयधः // 48 // पूर्णपात्री कम्बुधरो विवृतालिममृहकः / / मातुलुंगधरश्तकलिकाम कुठारवान् // 49 // पुष्करस्थस्वर्णघटीपूर्णरत्नाभिवर्षकः // भारतीसुंदरीनाथो विनायकगतिप्रियः / / 1.0 // महालक्ष्मीप्रियतम सिद्धलक्ष्मीमनोरमः // रमारमेशपूर्वागो दक्षिणामामहेश्वरः // 11 // महीवराहवामांगो रनिकन्दर्पपश्चिमः // आमोदमोदजननः सप्रमोदप्रमोदनः // 12 // मामविता ममिद्धश्रीधिमिद्धिप्रवर्तकः / / दनौमुख्यसुमखः कांतिकन्दलिताश्रयः // 53 / / मदना Keवत्याश्रितांत्रिः कृतदौर्मुख्यदुर्मुखः // विनमम्पल्लबोपन्नः भवान्निद्रमदद्रवः॥ ५४॥विघ्नकन्निन्नचरणो द्राविणीशक्तिसत्कृतः। तीबाप मन्ननयनो ज्वालिनीपालिने कदक् // 55 // भोहिनीमोहनो भोगदायिनीकांतिमंडितः। कामिनीकान्तवनश्रीरधिष्ठितवमुन्धरः॥५६॥ वसुंधरामदोन्नद्धमहाशंखनिधिः प्रभुः // नमसमतीमीलिमहापानिधिप्रभुः।।१७ / / सर्वसद्गुरुममेव्यः शोचिप्केशहृदाश्रयः // ईशानमुद्धा देवेन्द्रशिखः पवननन्दनः // 18 // अप्रत्ययनयनो दिव्याखाणाम्प्रयोगवित् // ऐरावतादिसर्वाशावारणावरणप्रियः // 59 // बनाया खपरीवारो गणचण्डसमाश्रयः / / जयाजयपरीवागे विजयाविजयावहः // 10 // अजिताजिनपादाजो नित्यानित्यावतंमितः॥ विला For Private And Personal Use Only