________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir श्रियः // 2 // रम्नाफलारिकेलैः पृथुकर्वश्यता भवेत् // घृतेन धननानोति लवणैर्मधुसंयुतैः // 3 // वामनेत्रां वशी कुर्यादपुरैः पृथि वीपतिम् // " इति शक्तिविनायक चतुरक्षरमंत्रप्रयोगः // अथ लक्ष्मीविनायकमंत्रप्रयोगः // ( मंत्रमहोदधौ ) मंत्रो यथा / / ॐ श्रींग सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा // इत्यष्टाविंशत्यक्षरमंत्रः॥ अस्य विधानम् // अस्य लक्ष्मीविनायकमंत्रस्य अन्नामी ऋषिः गायत्री छंदः। लक्ष्मीविनायको देवता / श्रीं बीजम् / स्वाहा शक्तिः / ममानीटमिद्धयये जपे विनियोगः।। ॐ अन्त शामिऋषये नमः शिरसि / / गायत्रीछंदमे नमः मुखे // 2 // लक्ष्मीविनायकदेवतायै नमः हृदि / / 3 / / श्री बीजाय नमः। गीं // 4 // स्वाहा शक्तये नमः पादयोः // 5 // विनियोगाय नमः सर्वांगे // 6 // इति ऋष्यादिन्यासः / ॐ आँ गाँ अंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // ॐ श्रीं गी तर्जनीन्यां नमः // // ॐ श्रृंगँ मध्यमान्यां नमः // // ॐ श्रमें अनामिकाच्यां नमः॥४॥ ॐ श्री गौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः // 5 // ॐ श्रः गः करतलकरपृष्ठात्यां नमः॥६॥ इति करन्यासः // ॐ श्री गाँ हृदयाय नमः॥१॥ ॐ श्रीं गी शिरसे स्वाहा // // ॐ शृंग शिखायै वषट् // 3 // ॐ 3 गैं कवचाय हूं // 4 // ॐ श्री गौं नेत्रत्रयाय वौषट // 5 // ॐ श्रः गः अस्त्राय फट् // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यामः।। एवं न्यासं कृत्वा ध्यायेत् // अथ ध्यानम्-"दन्ताभये चक्रवरी है दधानं करावगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम् // धृताब्जयालिङ्गिन्तमधिपच्या लक्ष्मीगणेशं कनकाअभीडे / / 1 // " इति ध्यायेत्-ततः पीठादौ रचि ते सर्वतोभद्रमंडले गणेशमंडले वा मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताः पद्धतिमार्गण संस्थाप्य ॐ मं मंडकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताभ्यो नमः। इति संपृज्य नव पीठशक्तीः पूजयेत। तद्यथा। ॐ तीवायै नमः॥१॥ॐ चालिन्यै नमः॥२॥ॐ नंदाय नमः॥३॥ ॐ भोगदायै नमः // 4 // For Private And Personal Use Only