________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir लक्ष्मीविनायकयंत्रम् / खं.१ गतं. 82 // / मं०म०॥ ॐ कामरूपिण्यै नमः // 5 // ॐ उग्राय नमः // 6 // ॐ तेजोवत्यै नमः / / 7 // ॐ मत्यायै नमः // 8 // मध्ये ॐ विघ्ननाशियै नमः Hellneइति पूजयेत / ततः स्वर्गादिनिर्मितं यंत्रं मूर्ति या ताम्रपात्रे निधाय थि घृतेनात्यज्य तदुपरि दृग्यधारां जलधारां च दया स्वच्छवस्त्रेणा शोप्य ॐ ह्रीं सर्वमक्तिकमलामनाय नमः // इति मंत्रेण पुष्पाद्यासनं * दत्त्वा पीठमध्ये संस्थाप्य पद्धतिमार्गेण प्रतिष्ठां च कृत्वा मलेन मूर्ति प्रकल्प्य पाद्यादिषष्पर्तिरुपचारैः संपृज्य देवाज्ञां गृहीत्वा आवरणपूजा कुर्यात् / / तथा च पुष्पांजलिमादाय ॐ संविन्मयः परेश त्वं परामृतरस प्रिय // अनुज्ञां देहि गणप परिवाराचनाय मे // // इति पठित्या पुष्पांजलिं च दत्त्वा विशेषाद्विदं निक्षिप्य पृजितस्तपितास्तु इति वदेत् // इत्याज्ञां गृहीत्वा षटकोणकेसरेषु आग्नेय्यादिचतुर्दिक्षु मध्ये दिक्षु च // ॐ आँ गाँ हृदयाय नमः // 1 // ॐ श्रीं गी शि Kaरसे स्वाहा // 2 // ॐ श्र गैं शिखायै वषट् // 3 // ॐ अँ मैं यगणपत्येवावर दसर्यजनमेषश मानयस्वाहा/ // 82 // . For Private And Personal Use Only