________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir छन्नमखिलाभरणाभिरामम् // 1 // इति ध्यायेत् / अन्यत् सर्व षडभरवत्॥ इत्येकत्रिंशदक्षरवक्रतुंडमंत्रप्रयोगः // 2 // अथोच्छिष्टगणप तिनवार्णमंत्रप्रयोगः // ( मंत्रमहोदधौ ) मंत्रो यथा // हस्तिपिशाचिलिखेस्वाहा // इति नवार्णमंत्रः / अस्य विधानम्-ॐ अस्यश्यु च्छिष्ट गणेशनवार्णमंत्रस्य कंकोल ऋषिः बिराट्छंदः / उच्छिष्ट गणपतिदेवता। अखिलातये जपे विनियोगः॥ॐ कंकोलषये नमः शिरसि / / K // ॐ विराट्छंदसे नमः मुखे 2 // ॐ उच्छिष्ट गणपतिदेवतायै नमः हृदि 3 // विनियोगाय नमः मागे 4 // इति ऋष्यादिन्यासः॥el ॐ हस्ति अंगुष्ठात्यां नमः 1 // ॐ पिशाचि तर्जनीभ्यां नमः 2 // ॐ लिखे मध्यमान्यां नमः 3 ॥ॐ स्वाहा अनामिकायां नमः // ॐ हस्तिपिशाचिलिखे कनिष्ठिकान्यां नमः५।। ॐ हस्तिपिशचि लिखे स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः६ / / इति करन्यासः॥ ॐ हस्ति हृदयाय नमः // ॐ पिशाचि शिरसे स्वाहा 2 // ॐ लिखे शिखायै वषट् 3 // ॐ स्वाहा कवचाय हूं 4 // ॐ हस्ति Kd पिशाचि लिखे स्वाहा अस्वाय फट 5 इति हृदयादिपंचांगन्यासः // एवं न्यासं कृत्वा ध्यायेत् अथ ध्यानम् / / चतुर्भुजं रक्ततनुं त्रिनेत्रं पाशांकुशौ मोदकपात्रदंती // करैर्दधानं सरसीरुहस्थमुन्मत्तमुच्छिष्टगणेशमीडे 1 // इति ध्यायेत् / ततः पीठादी रचिते सर्वतोभद्रमंडले | गणेशमंडले वा मंडकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताः पद्धतिमार्गेण संस्थाप्य ॐ में मंडकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताभ्यो नमः / इति संपूज्य नवपीठ शक्तीः पूजयेत् / तद्यथा / पूर्वादिक्रमेण ॐ तत्रायै नमः 1 ॐ चालिन्यै नमः 2 ॐ नंदायै नमः 3 ॐ नोगदायै नमः 4 ॐ काम रूपिण्यै नमः 5 ॐ उग्रायै नमः 6 ॐ तेजोवत्यै नमः 7 ॐ सत्यायै नमः 8 मध्ये ॐ विघ्ननाशिन्यै नमः 9 इति पूजयेत् // ततः स्वर्णादिनिर्मित यंत्र मनि वा ताम्रपात्रेनिधाय वृतेनात्यज्य तदुपरि दुग्धधारां जलधारां च दत्त्वा स्वच्छवस्त्रेणाशोप्य ॥ॐ ह्रीं सर्वशक्ति For Private And Personal Use Only