________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir मं० म० . // 79 // कमलासनाय नमः // इति मंत्रण पुष्पाद्यासनं दत्वा पीठमध्ये संस्थाप्य पद्धतिमागेण प्रतिष्ठां च कृत्वा मूलेन मुनि प्रकल्प्य पाद्यादि पू० गतं. पुष्पांतैपचारैः संपृज्य देवाज्ञां गृहीत्वा आवरणपूजां कुर्यात / तत्र क्रमः // पुष्पांजलिमादाय "ॐ संविन्मयः परोदेवपरामृतरसप्रिय / अनुज्ञां देहि गणप परिवारार्चनाय मे // 1 // " इति पठित्वा पुष्पांजलिं गणेशोपरि दत्वा पृजितस्तपितोऽस्तु इति वदेत् / इत्याज्ञां गृहीत्वा , षट्कोणे पडंगानि पूजयेत् // तथा च // अग्निकाणे * ॐ हस्ति हृदयाय नमः 1 // हृदयश्रीपादुकां पूजयामि / तर्पयामि नमः / / व इति मर्वत्र पठेत् // नर्ऋत्ये // ॐ गी पिशाचि शिरसे स्वाहाँ शिरसि श्रीपा० 2 // वायव्ये // ॐ गं लिखे शिखायै वपट् शिखा / श्रीपा० 3 // ऐशान्य० // ॐ अस्वाहा कवचाय हुं कवचं श्रीपादुकां पूजयामि त०४॥ मध्ये ॐ गौ हस्तिपिशाचिलिखे स्वाहा / नेत्रत्रयाय वापट नेत्रत्रये श्रीपा० ५॥दिनु ॐ गः हस्तिपिशाचिलिखे स्वाहा / अस्वाय फट अने श्रीपादुकां पृ० त० नमः 6 // इति / * पूजयेत् // ततो पुष्पांजलिमादाय मूलं पठित्वा / "अभीष्टसिद्धि मे देहि शरणागतवत्सल // भक्त्या समर्पय तुल्यं प्रथमावरणार्चनम् / / " // इति पुष्पांजलिं दत्त्वा विशेषाद्विदं निक्षिप्य पृजितास्तपिताः संतु इति वदेत् // इति प्रथमावरणम् // 3 // ततोष्टदले ज्यपृजकारंतरालं पाची तदनुसारेण अन्या दिशः प्रकल्प्य दाहस्ते तर्जन्यंगुष्ठाभ्यां गंधाक्षतपुष्पाणि गृहीत्वा प्राच्यादिकमेण / अष्टसु दिक्ष // प्राच्याम् / ॐ ब्राहयै नमः ब्रामीश्रीपादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः / // आग्नेय्याम // ॐ माहेश्वर्य नमः / माहे श्वरीश्रीपा० 2 // दक्षिणे ॐ कौमार्य नमः / कौमारीश्रीपा० 3 // नर्कत्ये ॐ वैष्णव्यै नमः। वैष्णवीश्रीपा० 4 // पश्चिमे ॐ * तन्यांतरे नु हस्तिपिशाचिनि खे स्वाहेति नवार्णमंत्रः / ॐ हाम्लपिशाचिलिखे स्वाहा ग इस्तिपिशाचिलिय स्वाहा नवार्णभेदेन दशाक्षरीमंत्रः // For Private And Personal Use Only