________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir के कवचाय हुं 4 ॐ क्लौं कुमारिके नेत्रत्रयाय वौषट् 5 ॐ क्रुः कुमारिके अस्त्राय फट 6 इति गंधादिभिः संपृज्य ॐ ह्रीं हंसः कुल कुमारिके श्रीपादुकां पूजयामि / इति पुष्पांजलित्रयं दत्त्वा नवनामभिः पूजयेत् / तद्यथा--ॐ ह्रीं कौमार्य नमः / ॐ ह्रीं त्रिपुरायै नमः। २ॐ ह्रीं कल्याण्यै नमः 3 ॐ ह्री रोहिण्यै नमः 4 ॐ ह्री कामिन्यै नमः 5 ॐ ह्रीं चंडिकायै नमः 6 ॐ ह्रीं शांकय नमः / ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः 8 ॐ ह्रीं मुभद्रायै नमः 9 इति संपूज्य मुलेन पुष्पांजलित्रयं दत्त्वा प्रदक्षिणीकृत्य प्रणमेत् / तत्र मंत्रः-ॐ जग सूज्ये जगद्वंद्ये सर्वशक्तिस्वरूपिणि // पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते॥ 1 // त्रिपुरां त्रिगुणां धात्री ज्ञानमार्गस्वरूपिणीम् / त्रिलोक्यवंदितां देवी त्रिमूर्ति पूजयाम्यहम् // 2 // कालात्भिकां कालभीतां कारुण्यहृदयां शिवाम् / कारुण्यजननीं नित्यां कल्याणी पूजयाम्यहम् // 3 // अणिमादिगुणोपेतामकारादिस्वरामिकाम् // शक्तिभेदात्मिकां लक्ष्मी रोहिणीं पूजयाम्यहम् // 4 // कला धारां कलारूपां कालचण्डस्वरूपिणीम् // कामदां करुणाधारां कामिनी पूजयाम्यहम् // 5 // चण्डधारां चण्डमायां चण्डमुण्ड विनाशिनीम् // प्रणमामि च देवेशी चण्डिकां पूजयाम्यहम् // 6 // सुखानंदकरी शांतां सर्वदेवनमस्कृताम् // सर्वभूतात्मिकां देवी शांकरीं पूजयाम्यहम् // 7 // दुर्गमे दुस्तरे चैव दुःखत्रयविनाशिनीम् // पूजयामि सदा भक्त्या दुर्गा दुर्ग नमाम्यहम् // 8 // सुंदरी स्वर्गवर्णाभां मुखसौभाग्यदायिनीम् / / सुभद्रजननी देवी सुभद्रां प्रणमाम्यहम् // 9 // इति संप्रार्थ्य साष्टांगं प्रणम्य दक्षिणां च / / दत्त्वा तत्रांने स्वेष्ट देवतां ध्यात्वा तन्नामभिः पूजयेत्॥अस्य फलादेशः-पूजोपकरणानीह कुमार्ये यो ददाति हि॥संतुष्टा देवता तस्य पुत्रत्वे सानुकल्प्येत // 1 // (योगिनी तंत्रे ) कुमारीपूजनफलं वक्तुं नार्हामि सुंदरि // जिह्वाकोटिसहस्रेस्तु वक्रकोटिशतैरपि // 2 // For Private And Personal Use Only