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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गीताप्रेसद्वारा प्रकाशित 'महाभारत' के विभिन्न संस्करण 'महाभारत' के लिये माँग देनेवाले सज्जन कभी-कभी अपनी आवश्यकता स्पष्ट नहीं लिखते जिसके कारण या तो उनकी मँगायी हुई वस्तु देरसे पहुँचती है या गलत वस्तु चली जाती है, जिससे बड़ी कठिनाई उपस्थित हो जाती है। गीताप्रेसके द्वारा अबतक 'महाभारत' के निम्नलिखित ग्रन्थ प्रकाशित हुए हैं, जिनकी माँग देते समय सम्बन्धित विभागको स्पष्ट पत्र लिखना चाहिये । -व्यवस्थापक ( १ ) 'कल्याण' विभागद्वारा प्रकाशित 'कल्याण' के १७ वे वर्षका संक्षिप्त महाभारताङ्क पूरी फाइल ( बारह महीनोंके अङ्क ), दो जिल्दोंमें, सजिल्द, पृष्ठ- संख्या १९१८, तिरंगे चित्र १२, इकरंगे लाइन ९७५, मूल्य दोनों जिल्दोंका डासहित १० ) । इसमें मूल श्लोक नहीं है । केवल हिंदीभाषा में संक्षिप्त महाभारत है । इसका आर्डर व्यवस्थापक – 'कल्याण' पो० गीताप्रेस ( गोरखपुर ) को देना चाहिये । ( २ ) 'मासिक महाभारत' विभागद्वारा प्रकाशित १- नवम्बर १९५५ से अक्टूबर १९५८ तक लगातार तीन सालतक छत्तीस अङ्कोंमें लगभग एक ora लोकका सम्पूर्ण महाभारत ग्रन्थ, मूल और उसकी हिंदी टीकासहित तथा महाभारत सम्बन्धी अनेक खोजपूर्ण लेख एवं महाभारतमें आये हुए नामकी वर्णानुक्रमणिका ( संक्षिप्त परिचयसहित ) प्रकाशित की गयी है। कुल छत्तीस अङ्कोंकी पृष्ठ संख्या ७५९०, चित्र-संख्या तिरंगे ८५, सादे २४३, लाइन ५६४, कुल ८९२ । मूल्य तीनों वर्षके फाइलोंका प्रतिवर्षके २०) की दरसे कुल ६०) डाकखर्चसहित । सजिल्द- एक-एक वर्षके तीन-तीन जिल्द - कुल नौ जिल्दोंका ११ ) जोड़कर ७१ | ) डाक खर्चसहित । २ - जनवरी १९५९ से दिसम्बर १९५९ तक 'मासिक महाभारत' का चौथा वर्ष चल रहा है जिसमें हरिवंशपुराण तथा जैमिनीय अश्वमेध - पूरा हिंदी- टीकासहित देनेकी बात है । प्रतिमास १४४ पृष्ठ १ तिरंगा तथा ४ सादे चित्र, वार्षिक चन्दा १५) डाकखर्चसहित | इनका आर्डर व्यवस्थापक- 'मासिक महाभारत' पो० गीताप्रेस ( गोरखपुर ) को देना चाहिये । (३) गीताप्रेस, पुस्तक - विभागद्वारा प्रकाशित १ - सचित्र महाभारत ( सरल हिंदी अनुवादसहित ) सम्पूर्ण ग्रन्थ छः खण्डों में सजिल्द, पृष्ठसंख्या ६६२०, चित्र बहुरंगे ७९, सादे २२५, लाइन ५६४, कुल ८६८, मूल्य ६५) । इसके प्रत्येक खण्ड सजिल्द अलग-अलग भी मिलते हैं। इसमें कमीशन पंद्रह प्रतिशत काटकर नेट दाम ५५|), रेल - खर्च ग्राहकका लगता है। आर्डर देते समय अपना रेलवे स्टेशन साफ-साफ लिखना चाहिये । For Private And Personal Use Only २ - महाभारत - मूलमात्र, सम्पूर्ण ग्रन्थ चार भागोंमें, सजिल्द, कुल पृष्ठ संख्या २७७६, चित्र बहुरंगे १४, सादे ४, कुल १८, मूल्य २२ || ) | इसमें केवल मूल संस्कृत श्लोक हैं। ठीका नहीं। इसका भी रेल - खर्च ग्राहकका लगता है । इनका भार्डस् व्यवस्थापक - गीताप्रेस, पो० गीताप्रेस ( गोरखपुर ) को देना चाहिये ।
SR No.020461
Book TitleMahabharat Ki Namanukramanika Parichay Sahit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasudevsharan Agarwal
PublisherVasudevsharan Agarwal
Publication Year1959
Total Pages414
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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