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णिप्पवास वि [निप्रवास] प्रवास, दूर रहना। धम्मम्मि णिप्पवासो।
(भा.७१) णिफल वि [निष्फल फल रहित, निरर्थक। (भा.७१, प्रव.
जे.२४) णिबद्ध वि [निबद्ध] प्रवृत्त, लीन। चरदि णिबद्धो णिच्चं। (प्रव.
चा.१४) उवधिम्मि वा णिबद्धे। (प्रव.चा.१५) णिभय वि [निर्भय] भय रहित, निडर। (निय.४३, स.२२८,
बो.४९) णिमज्ज अक [नि+मस्] नहाना, मार्जन करना, डूब जाना।
(द्वा.५८) जम्मसमुद्दे णिमज्जदे सिप्पं । णिमज्जदे (व.प्र.ए.) णिमित्त न [निमित्त] कारण,हेतु,साधन। तिलतुसमत्तणिमित्त।
(बो.५४) णिमिस पुं निमिष] नेत्र उन्मीलन, नेत्र संकोचआंख की पलक के
खुलने का समय या असंख्यात समय के बीतने प्रमाण काल को निमिष कहते हैं। (पंचा.२५) हिम्मद वि निर्मद] मदरहित, अहङ्कार रहित। (निय.४४) णिम्मम वि [निर्मम] ममता रहित। (पंचा १६९, निय.४३,
बो.४८) -त्त /त्ति वि [त्व ममतारहित। (निय.९९) ममत्तिं परिवज्जामि णिम्ममत्तिमुवट्ठिदो। (प्रव.जे.१०८) णिम्मय वि [निर्मय] ममता रहित। (भा.१०७) जिम्मल वि [निर्मल] मल रहित, विशुद्ध, पवित्र। (चा.४१, भा.६०, निय.४८, बो.२६) -सहाव पुं स्वभाव] निर्मल स्वभाव
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