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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री कामघट कथानकम अथ मन्त्रिणा देवकुले मुक्ता या स्वपत्नी विनयसुन्दरी सा निजभत प्रवासगमनकालादारभ्य तत्रैवासीना तदागमनमार्ग प्रपश्यन्त्येवं विचारयति स्म-अहो ! केन हेतुना मे स्वामी मामेकाकिनी मुक्त्वाऽधुनावधि नो समायातः। लोके ये खगा अपि वने स्वजीविकार्थमगच्छन् , तेऽपि कृत्वोदरपूर्ति स्वेनैव मनसा स्वस्वस्थाने प्रत्यायान्ति, पुनमें पतिस्तु दानार्थ गतोऽधुनापि न समायातः । अतो रे हृदय ! यदि त्वं स्वामिनि सम्पूर्णतया निजप्रेम रक्षसि तर्हि तद्विरहे कथं विनाशं नाधिगच्छसि ? पतिसमीपावस्थानमेव पतिव्रतानां पतिव्रतात्वं, अन्यथा तासां विनाश एव नंव लोके कुत्रापि शोभा च । अब मंत्रीने जो अपनी स्त्री विनय सुन्दरी देवकुल में छोड़ रखी थी वह (विनय सुन्दरी) अपने पति ( मंत्री ) के परदेश जाने के समय से लेकर तबतक वहीं बैठी हुई उसके आने की बाट को जोहती हुई इसतरह विचारने लगी-हाय, किस कारण, मेरे पति मुझे अकेली छोड़कर अभीतक नहीं आये ! संसार में जो पक्षी भी अपनी जीविका के लिए बन में जाते हैं, वे भी अपना पेट भर कर अपने ही अपने अपने स्थान पर आजाते हैं, फिर पति तो दान के लिए गए अभीतक भी नहीं आए। इसलिए रे मन, यदि तुम अपने पति में पूरी तरह अपना प्रेम रखते हो तो उसके वियोग में क्यों नहीं विनाश हो जाते ? क्योंकि पतिव्रताओं का पातिव्रत धर्म पति के पास रहने में ही है, अन्यथा उनका विनाश ही है और लोक में कहीं भी शोभा नहीं है। यतः क्योंकिराजा कुलवधूविप्रा, नियोगी मन्त्रिणस्तथा । स्थानभ्रष्टा न शोभन्ते, दन्ताः केशा नखा नराः ॥१०॥ राजा, अच्छे कुल की स्त्री, ब्राह्मण, नियोग करने वाला और मंत्री तथा दांत, केश, नाखून और आदमी अपने स्थान से हटाए गए शोभा नहीं पाते हैं ॥ १० ॥ पुनश्चित्त ! तद्विरहे स्वस्थेन त्वया कथमहं लज्जावती क्रिये ? एतेन तु व्याघ्री समागत्य यदि मां भक्षयेत्तदा वरं, एतदेवानुपमेयमौषधं मदःखहरणाय भवतु । एवं विविधरीत्या पौनःपुन्येन स्वकर्मणो दोषानिष्कास्य तदैकाकिन्येव सा वराकी निजाज्ञानवशेन पूर्वदुष्कृतकर्माणि निनिन्द । For Private And Personal Use Only
SR No.020435
Book TitleKamghat Kathanakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangadhar Mishr
PublisherNagari Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages134
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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