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4. नन्दवर्धना
1. मेघंकरा 2. मेघवती 3. सुमेधा
4. मेघमालिनी 5. तोयधारा 6. विचित्रा
7. वारिषेणा 8. बलाहका इन आठ दिक्कुमारियों ने ऊर्ध्वलोक से आकर वन्दन किया, तत्पश्चात् पुष्पवृष्टि की। 1. नंदोत्तरा 2. नन्दा
3. आनन्दा 5. विजया 6. वैजयन्ती 7. जयन्ती
8. अपराजिता ये आठ दिक्कुमारियां पूर्व दिशा के रूचक पर्वत से आकर वन्दन विधि कर मुख देखने के लिए सन्मुख शीशा (दर्पण) लेकर खड़ी रहीं। 1. समाहारा 2. सुप्रदत्ता 3. सुप्रबुद्धा
4. यशोधरा 5. लक्ष्मीवती 6. शेषवती
7. चित्रगुप्ता
8. वसुन्धरा ये आठ दिक्कुमारीयां दक्षिण रूचक पर्वत से आकर हाथ में कलश धारण कर भगवंत और भगवंत की मातेश्वरी को स्नान कराती हैं। 1. इलादेवी 2. सुरादेवी 3. पृथ्वी
4. पद्मावती 5. एकनासा 6. नवमिका 7. भद्रा
8. सीता ये आठ दिक्कुमारियां पश्चिम दिशा के रूचक पर्वत से आकर पवन डालने के लिए हाथों में पंखे लेकर
सीसी)
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