SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 388
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org ऋतुसंहार 853 उछलती हुई सुंदर मछलियाँ ही उन नदियों की करधनी हैं, तीर पर बैठी हुई उजली चिड़ियों की पाँतें ही उनकी मालाएँ हैं । हारैः सचन्दनरसैः स्तनमण्डलानि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रोणीतटं सविपुलं रसना कलापैः । 3/20 अपने स्तनों पर मोतियों के हार पहनती हैं, और चंदन पोतती हैं, अपने भारी - भारी नितंबों पर करधनी बाँधती हैं। आलम्बिहेमरसनाः स्तनसक्तहाराः कंदर्पदर्पशिथिलीकृत गात्रयष्ट्यः । 6/26 कमर में सोने की करधनी बाँधे, स्तनों पर मोतियों के हार लटकाए और काम की उत्तेजना से ढीले शरीर वाली । यष्टि 1. मौक्तिक [मुक्तैव स्वार्थे ठक् ] मोती । रत्नान्तरे मौक्तिकसङ्गरम्यः स्वेदागमो विस्तरतामुपैति । 6/8 पसीने की बूँदें ऐसी दिखाई पड़ती हैं, मानो अनेक प्रकार के रत्नों के बीच मोती जड़ दिए गए हैं। 1. 2. यष्टि - [ यज् + क्तिन, नि० न संप्रसारणम् ] मोती, डोरी, लकड़ी, नाजुक वस्तु । सचन्दनाम्बुव्यजनोद्भवानिलैः सहारयष्टिस्तनमण्डलार्पणैः । 1/8 चंदन में बसे हुए ठंडे जल से भीगे हुए पंखों की ठंडी बयार झलकर या मोतियों हारों की लटकती हुई झालरों से सजे हुए अपने गोल-गोल स्तन प्रेमी की छाती पर रखकर । 3. सक्त [संज् + क्त] चिपका हुआ, लगा हुआ, जमाया हुआ, मोती के अर्थ में । आलम्बिहेमरसनाः स्तनसक्तहाराः कंदर्पदर्पशिथिलीकृतगात्रयष्ट्य: 16/26 कमर में सोने की करधनी बाँधे, स्तनों पर मोती के हार लटकाए और काम की उत्तेजना से ढीले शरीरवाली स्त्रियाँ । रम्य चारु [ चरति चित्ते - चर् + उण्] रमणीय, सुंदर, कांत, मनोहर, प्रिय, रुचिकर | For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy