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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 762 कालिदास पर्याय कोश गोल-गोल नितंबों पर रेशमी वस्त्र और करधनी तथा चंदन पुते हुए स्तनों पर हार और दूसरे गहने पड़े होते हैं। दधति वरकुचाग्रसन्नतैरियष्टिं प्रतनुसितदुकूलान्यायतैः श्रोणि बिम्बैः। 2/26 अपने बड़े-बड़े गोल-गोल उठे हुए स्तनों पर मोती की मालाएँ पहनती हैं, और अपने भारी-भारी नितंबों पर महीन उजली रेशमी साड़ी पहनती हैं। ज्योत्स्नादुकूलममलं रजनी दधाना वृद्धिं प्रयात्यनुदिनं प्रमदेव बाला। 3/7 आजकल की रात, चाँदनी की उजली साड़ी पहने हुए अलबेली किशोरी के समान दिन-दिन बढ़ती चली जा रही है। नितम्बबिम्बेषु नवं दुकूलं तन्वंशुकं पीनपयोधरेषु। 4/3 न अपने गोल-गोल नितंबों पर नये रेशमी वस्त्र ही लपेटती हैं, और न अपने मोटे-मोटे स्तनों पर महीन कपड़े ही बांधती हैं। कुसुम्भरागारुणितैर्दुकूलैनितम्बबिम्बानि विलासिनीम्। 6/5 कामिनियों ने अपने गोल-गोल नितंबों पर कुसुम के लाल फूलों से रंगी रेशमी साड़ी पहन ली है। वसन - [ वस् + ल्युट्] वस्त्र, कपड़ा, परिधान, कपड़े। विकचकमलवक्त्रा फुल्लनीलोत्पलाक्षी विकसितनवकाश श्वेतवासो वसाना। 3/28 खिले हुए उजले कमल के मुख वाली, फूले हुए नीले कमल की आँखों वाली, फूले हुए कॉस की सफेद साड़ी पहनने वाली। 5. वास - [ वास + घब] कपड़े, पोशाक। समुद्गतस्वेदशिताङ्गसंधयो विमुच्य वासांसि गुरूणि सांप्रतम्। 1/7 जिनके अंगों के जोड़-जोड़ से गर्मी के मारे पसीना छूट करता है, वे भी इस गर्मी में अपने मोटे वस्त्र उतारकर। विकच कमलवक्त्रा फुल्लनीलोत्पलाक्षीविकसितनवकाश श्वेतवासो वसाना। 3/28 For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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