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कालिदास पर्याय कोश गर्मी में सुख देने वाले सरयू के जल में अपनी रानियों (स्त्रियों) के साथ विहार करने की इच्छा हुई। अथ मधु वनितानां नेत्र निर्वेशनीयं मनसिजतरुपुष्पं रागबन्धप्रवालम्।
18/52 वह जवानी आ गई, जो स्त्रियों की आँखों की मदिरा होती है, शरीर की
स्वभाविक शोभा होती है। 24. वल्लभा :-[वल्ल् + अभच् + टाप्] स्त्री, प्रेयसी, गृहस्वामिनी, पत्नी।
वल्लभाभिरुपसृज्य चक्रिरे सामिभुक्त विषयाः समागमाः। 19/16 इसलिए स्त्रियाँ संभोग के समय राजा से आधी ही रति करके उठ खड़ी होती,
पूरी नहीं। 25. वाणिनी :-[वण् + णिनि + ङीप्] चतुर और धूर्त स्त्री, नर्तकी, अभिनेत्री,
मत्त स्त्री। यस्मिन्महीं शासति वाणिनीनां निद्रां विहारार्थपथे गतानाम्। 6/75 वे प्रतापी राजा ऐसे अच्छे ढंग से अपना राज चलाते थे कि उपवन में मद पीकर
सोई हुई स्त्रियों के। 26. विलासवती :-[विलास + मतुप् + ङीप्, मस्य वः] स्वेच्छाचारिणी या
कामुक स्त्री। अथ यथा सुखमार्तव मुत्सवं समनुभूय विलासवती सखः। 9/48
दशरथ जी ने सुंदर स्त्रियों के साथ वसंत ऋतु का आनंद लिया। 27. विलासिनी :-[विलासिन् + ङीप्] रमणी, हावभाव करने वाली स्त्री,
स्वेच्छाचारिणी। प्रत्यर्पिता: शत्रुविलासिनीनामुन्मुच्य सूत्रेण विनैव हाराः। 6/28 मानो इन्होंने शत्रुओं को स्त्रियों के गले से मोतियों के हार उतारकर, उन्हें बिना डोरे वाले हार पहना दिए हों। आवर्ण्य शाखाः सदयं च यासां पुष्पाण्युपात्तानि विलासिनीभिः। 16/19 पहले उद्यान की जिन लताओं को धीरे से झुकाकर सुंदरी स्त्रियाँ फूल उतारा करती थीं। जातानि रूपा व यवोपमानानय दूरवर्तीनि विलासिनीनाम्। 16/63 देख, सुंदरी स्त्रियों के शरीर के अंगों के समान जो वस्तुएँ संसार में प्रसिद्ध हैं, वे सब इन सुंदरियों के आसपास जुट गई हैं।
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