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रघुवंश
ते बहुज्ञस्य चितज्ञे पल्यौ पत्युर्महीक्षितः । 10 / 56
सब कुछ जानने वाले राजा दशरथ की उन दोनों पत्नियों ने ।
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14. परिग्रह :- [ परि + ग्रह् + घञ्] पत्नी, रानी ।
निर्दिष्टां कुलपतिना स पर्णशालामध्यास्य प्रयतपरिग्रहद्वितीयः । 1/95 कुलपति वशिष्ठ जी ने जो पर्णकुटी बताई, उसी में राजा दिलीप अपनी पत्नी के साथ ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए रात बिताई ।
येषु दीर्घतपसः परिग्रहो वासवक्षणकलत्रतां ययौ । 12 / 33
जहाँ महातपस्वी गौतम की स्त्री अहल्या थोड़ी देर के लिए इन्द्र की पत्नी बन गई थीं।
15. प्रणयिनी : - [ प्रणय + इति + ङीष् ] गृहिणी, प्रियतमा, पत्नी ।
मेखला भिरसकृच्च बन्धनं वञ्चयन्प्रणयिनीरवाप सः । 19/17 कभी-कभी जब वह राजा इन कामिनियों को धोखा दे जाता था, तब राजा को अपनी करधनी से बाँध देती थीं।
प्राञ्जलिः प्रणयिनी: प्रसाद यन्सोऽधुनोत्प्रणयमन्थरः पुनः । 19 / 21
तब राजा हाथ जोड़कर उन कामिनियों को मना लेता था, पर जब वह उनसे भरपूर प्रेम नहीं कर पाता था, तो वे फिर व्याकुल हो उठती थीं ।
16. प्रिया :- [ प्री + क + टाप्] प्रिया, पत्नी, स्वामिनी, , स्त्री
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प्रहर्षचिह्नानुमितं प्रियायै शशंस वाचा पुनरुक्तयेव । 2/68
गुरुजी से कह चुकने पर राजा दिलीप ने यह प्रसन्नता को सूचित करने वाला समाचार, अपनी प्रेयसी सुदक्षिणा से भी कह सुनाया।
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प्रियानुरागस्य मनः समुन्नतेर्भुजार्जितानां च दिगन्तसंपदाम् । 3/10
राजा दिलीप जितना रानी को प्यार करते थे, जितनी उन्हें प्रसन्नता थी और जितना बड़ा उनका राज्य था, उतने ही ठाट-बाट से ।
विलपन्निति कोशलाधिपः करुणार्थग्रथितं प्रियां प्रति । 8/70 जब कोशलनरेश अज अपनी प्रिया के लिए इस प्रकार शोक कर रहे थे । प्राणान्तहेतुमपि तं भिषजामसाध्यं लाभं प्रियानुगमने त्वरया स मेने । 8 / 93 अपनी प्रिया के पीछे प्राण देने को वे इतने उतावले थे कि उन्होंने प्राण हर लेने वाली और वैद्यों से अच्छी न होने वाली उस शोक की बर्छा को भी सहायक ही समझा ।