________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
330
www. kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कालिदास पर्याय कोश
राजा प्रजारञ्जनलब्ध वर्णः परंतपो नाम यथार्थतया । 6/21
अपनी प्रजा को सुख देकर इन्होंने बड़ा नाम कमाया है, इनका नाम परंतप है और ये सचमुच परन्तप हैं।
अथाङ्गराजादवतार्य चसुर्याहीति जन्यामवदत्कुमारी । 6/30
इन्दुमती ने उस अंग देश के राजा पर से आँखें हटाईं और सुनंदा से कहा । प्रलोभिताप्याकृतिलोभनीया विदर्भराजा वरजा तयैवम् । 6 / 58 विदर्भराज की छोटी बहन इन्दुमती अपनी दासी की लुभावनी बातें सुनकर भी उस राजा को छोड़कर।
रतिस्मरौ नूनमिमावभूतां राज्ञां सहस्रेषु तथाहि बाला। 7/15
ये दोनों पिछले जन्म में रति और कामदेव ही रहें होंगे, इसीलिए तो सहस्रों राजाओं के बीच में इंदुमती ने उन्हें प्राप्त कर लिया।
तौ स्नातकैर्बन्धुमता च राज्ञा पुरंधिभिश्च क्रमशः प्रयुक्तम् । 7/28 वर-वधू के ऊपर स्नातकों ने, कुटुंबियों ने, भोजराज ने और पुरोहित जी ने बारी-बारी से गीले अक्षत छोड़कर आशीर्वाद दिया ।
इति शिरसि स वामं पादमाधायराज्ञामुदवहदनवद्यां तामवद्यादपेत: 17/86 इस प्रकार पवित्र अज उन राजाओं के सिरों पर बायाँ पैर रखकर सुंदरी इंदुमती को लेकर चले ।
For Private And Personal Use Only
तत्प्रार्थितं जवनवाजिगतेन राज्ञा तूणीमुखोद्धृतशेरण विशीर्णपङ्किः 19/56 राजा ने ज्यों ही अपने वेगगामी घोड़े पर चढ़कर और अपने तूणीर में से बाण निकालकर उनका पीछा किया, कि वह झुंड तितर-बितर हो गया । प्राप्तानुगः सपदि शासनमस्य राजा संपाद्यपातकविलुप्तधृतिर्निवृत्तः । 9/82 राजा दशरथ के अनुचर भी तब तक पहुँच गए थे, तत्काल ईंधन और अग्नि जुटा दी गई।
अनेन कथिता राज्ञो गुणास्तस्यान्य दुर्लभाः । 10 / 53
उस दिव्य पुरुष ने राजा दशरथ के असाधारण गुणों की इतनी प्रशंसा की कि । अथायमहिषी राज्ञः प्रसूति समये सती । 10/66
वैसे ही राजा की पटरानी कौशल्या ने तमोगुण को दूर करने वाला पुत्र उत्पन्न किया ।
राजाऽपि तद्वियोगार्तः स्मृत्वा शापं स्वकर्मजम् । 12 / 10