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रघुवंश
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तं भूपतिर्भासुरहेम शशिं लब्धं कुबेरादभियास्यमानात्। 5/30 राजा रघु की चढ़ाई की बात कान में पड़ते ही कुबेर ने रात को ही सोने की वर्षा कर दी थी। तस्यान्वये भूपतिरेष जातः प्रतीप इत्यागमवृद्ध सेवी। 6/41 उन्हीं प्रसिद्ध राजा के वंश में ये उत्पन्न हुए हैं, ये वेदों और बड़े बूढ़ों की बड़ी सेवा करते हैं। स्थाने वृता भूपतिभिः परोक्षैः स्वयंवरं साधुममस्त भोज्या। 7/13 यों तो बहुत से राजाओं ने अपने आप आकर इन्दुमती से विवाह की प्रार्थना की थी, पर राजकुमारी ने स्वयंवर करके ही अपना विवाह करना उचित समझा और यह ठीक भी किया। नयगुणोपचितामिव भूपतेः सदुपकारफलां श्रियमर्थिनः। 9/27 राजा दशरथ की चतुर नीति से उनके पास बहुत धन इकट्ठा हो गया और उस धन से वे अपनी प्रजा का बहुत उपकार करते थे, इसीलिए जैसे उनकी लक्ष्मी के आगे बहुत से मंगन हाथ फैलाया करते थे। भूपतेरपि तयोः प्रवत्स्यतोनप्रयोरुपरि वाष्यबिन्दवः। 11/4 राजा दशरथ की आँखों से उन दोनों पर आँसू टपक पड़े। सामदानविधि भेद निग्रहाः सिद्धिमन्त इव तस्य भूपतेः। 11/55 मानो राजा दशरथ के साम, दाम, दंड, भेद इन चारों उपायों को सिद्धियाँ मिल गई हों। अवतार्याङ्क शय्यास्थं द्वारि चक्रन्द भूपतेः। 15/42 राजा की ड्योढ़ी पर गोद से उतारकर यह कह कहकर फूट-फूटकर रोने लगा। सालक्तको भूपतयः प्रसिद्धैर्ववन्दिरे मौलिभिरस्य पादौ। 18/41
राजाओं ने अपने प्रसिद्ध मुकुटों से उन महावर लगे पैरों का वन्दन किया। 37. भूपाल :-[भवन्त्यस्मिन् भूतानि :-भू + मि किच्च वा ङीप् + पतिः] राजा।
तत्तद्भूमिपतिः पल्यै दर्शयन्प्रियदर्शनः। 1/47 लुभावने दिखाई देने वाले राजा दिलीप अपनी पत्नी को वे सब दिखाने में इतने रम गए थे कि। सोऽभूत्परासुरथ भूमिपतिं शशाप हस्तार्पितैर्नयनवारिभिरेव वृद्धः।9/78 इस पर बूढ़े तपस्वी ने अपने आँसुओं से अपनी अंजली भरकर राजा को यह शाप दिया।
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