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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रघुवंश 25. नृसिंह :- [नी + ऋन् डिच्च + सिंहः] राजा, सिंह जैसा मनुष्य । मृगायताक्षो मृगया बिहारी सिंहादवाप द्विपदं नृसिंहः । 18/35 राजा ध्रुव के नेत्र मृगों के नेत्रों के समान बड़े-बड़े थे और वे पुरुषों में सिंह के समान थे, एक दिन वे जंगल में आखेट करते हुए मारे गए। 321 26. नृसोम : - [नी + ऋन् + डिच्च् + सोमः ] राजा, वैभवशाली मनुष्य । तथेत्युपस्पृश्य पयः पवित्रं सोमोद्भवायाः सरितो नृसोमः । 5/59 चन्द्रमा के समान सुनदर राजा अज ने गंधर्व का कहना मान लिया, उन्होंने पहले चन्द्रमा से निकली हुई नर्मदा के पवित्र जल का आचमन किया। 27. पार्थिव :- [पृथिवी + अण् ] राजा, प्रभु । पुरस्कृता वर्त्मनि पार्थिवेन प्रत्युद्गता पार्थिवधर्मपल्या | 2/20 आश्रम के मार्ग में गौ के पीछे राजा दिलीप थे और आगे आगवानी के लिए रानी सुदक्षिणा खड़ी थीं। श्रुतस्य यायादयमन्तमर्भकस्तथा परेषां युधि चेति पार्थिवः । 3/21 राजा ने अपने पुत्र का नाम रघु इसलिए रखा कि वह संपूर्ण शास्त्रों के पार भी जाएगा और युद्धक्षेत्र में शत्रुओं के व्यूह को तोड़कर उनके भी पार जाएगा। न केवलं तद्गुरुरेक पार्थिवः क्षितावभूदेक धनुर्धरोऽपि सः । 3/31 उनके पिता केवल चक्रवर्ती राजा ही नहीं थे, वरन् अद्वितीय धनुर्धर भी थे । बभूव तेनातिरां सुदुः सहः कटप्रभेदेन करीव पार्थिवः । 3 / 37 जैसे मद बहने के कारण हाथी प्रचंड हो जाता है, वैसे ही प्रतापी रघु की सहायता से राजा दिलीप भी इतने शक्तिशाली हो गए कि उनके शत्रु उनसे काँपने लगे । अनेन पूना सह पार्थिवेन रम्भोरु कच्चिन्मनसो रुचिस्ते | 6/35 ये राजा अपनी स्त्रियों के साथ सदा उजले पाख का ही आनंद लेते हैं। केले के खंभे के समान जाँघ वाली इन्दुमती ! क्या तुम राजा के साथ विहार करना चाहती हो । सशोणितैस्तेन शिलीमुखाग्रैर्निक्षेपिताः केतुषु पार्थिवानाम् । 7/65 तब उन मूर्छित पड़े हुए राजाओं की ध्वजाओं पर रुधिर से सने बाणों की नोकों से यह लिख दिया गया। For Private And Personal Use Only प्रत्यग्रहीन्पार्थिव वाहिनीं तां भागीरथीं शोण इवोत्तरंग: । 7/36 स्वयं राजा उस सेना को रोककर उसी प्रकार खड़े हो गए, जैसे बाढ़ के दिनों में ऊँची तरंगों वाला शोणनद गंगाजी की धारा को रोक लेता है।
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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