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कालिदास पर्याय कोश
2. दया :- [दय्+अ+टाप् ] करुणा, तरस, अनुकंपा, सहानुभूति ।
अनुग्रह प्रत्यभिनंदिनीं तां वाल्मीकिरादाय दयार्द्र चेताः । 14/79 सीताजी ने उनकी कृपा को बहुत सराहा और दयालु वाल्मीकि के साथ उनके आश्रम में चली गईं।
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अनुग्रह
1. अनुग्रह :- [ अनु + ग्रह् + अप्, ल्युट् वा ] प्रसाद, कृपा, उपकार । कैलास गौरं वृषमारुरुक्षोः पादार्पणानुग्रह पूतपृष्ठम् । 2/35
जब शंकरजी कैलास पर्वत के समान उजले नंदी पर चढ़ते हैं, तब उसके पहले अपने चरणों से मेरी पीठ पवित्र करते हैं।
अनुग्रह प्रत्यभिनंदिनीं तां वाल्मीकिरादाय दयार्द्र चेताः । 14/79 सीताजी ने उनके अनुग्रह को बहुत सराहा और दयालु वाल्मीकि के साथ उनके आश्रम में चली गईं।
2. प्रसाद : - [ प्र+सद्+घञ्] अनुग्रह, कृपा, प्रसाद, उपकार । भक्तयोपन्नेषु हि तद्विधानां प्रसादचिह्ननि पुरः फलानि । 2/22
नंदिनी के समान मनोरथ पूर्ण करने वाले यदि भक्त पर प्रसन्न हो जायँ, तो समझ लो कि काम पूरा हो गया।
निशाचरोप्लभर्तृकाणां तपस्विनीनां भवतः प्रसादात् । 14/64 पिछले बार आपकी कृपा से मैंने बनवास के समय बहुत सी ऐसी तपस्विनियों को अपने यहाँ आश्रय दिया था, जिनके पतियों को राक्षसों ने सता रखा था ।
अनुचर
1. अनुचर : - [ अनु + चर्+ट ] सहचर, नौकर, सेवक, अनुयायी । व्रताय तेनानुचरेण धेनोर्न्यषेधि शेषोऽप्यनुयायिवर्गः । 2/4
राजा दिलीप ने केवल रानी को ही नहीं वरन् सब नौकर-चाकरों को भी लौटा दिया, क्योंकि उन्होंने तो गौ की सेवा का व्रत ही ले लिया था ।
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2. अनुजीवी : - [ अनुजीव+ णिनि] सेवक, अनुचर । मूर्तिमंतममन्यत विश्वास मनुजीविनः । 17/31
इसलिए उनके सेवक उन्हें साक्षात् विश्वास के समान मानते थे ।