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करेडामे श्रीपार्श्वनाथस्वामिकी १४ साधुसाथ यात्राकरी सणवाड मावली पल्हाणो देवलवाडा नागदा एकलिंगशैवतीर्थकेपास जैनअद्भुतश्रीशान्तिनाथस्वामीका स्याममूर्तिरूपतीर्थ है इत्यादिजात्रा करते हुवे, क्रमसें उदेपुर पधारना हूवा था, वादकुछ ठेरकर आपश्री कलकत्ते निवासी बाबू चंपालाल प्यारेलाल वगेरेके संघसाथ श्रीकेसरियाजी पधारेथे, वहां कारणवसात् मास २ ठेरनाहूवाथा औरवहां आपश्रीके परिश्रमसें श्रीजैनश्वेताम्बरोंकाहकसमर्थक १ शिलालेख प्राप्तकियाथा, फिरवापीस उदेपुर पधारे, श्रीसंघके आग्रहसें ८१ सालका चतुर्मासक २५ ठाणासै उदेपुरकिया, चोमासेवाद महेता गोविंदसिंघजीकी सरायमे ४ दिन ठहरे वादवेदला मंदार गोगुंदा नंदेसमा ठोल कमोल सायरा भाणपुरा होते रांणकपुर पधारे औरजात्राकरी, वादसादडी घाणेराव महावीर स्वामिकीजात्राकरी, वाद देसुरीसोमेसर णादलाइ नाडोल वरकाणापार्श्वनाथस्वामिकी जात्राकरी, वादराणी इसस्टेसन राणीगाम खीमेल सांडेराव दुजाणा खिमाणदी भारंदो कोरंटपुर वांकली तखतगढ पादरली चांदराइ चूंडा संखवाली आहोर गोदण गढजवालिपुर याने जालोरदेवावास भमराणी रायस्थल मोकलसर सीवाणोगढ कुशीव आओत्तरा वालोतरा नगरवीरमपुर याने महे. वामें, श्रीनाकोडापार्श्वनाथस्वामिकीयात्रा ४ वक्तकरी जसोलवालोत्तरा पंचभद्रा वालोत्तरा वादक्रमसें बालोतरे ८२ सालका चोमासा वर्तमान है, अब आपश्रीके साधुसाध्वीयोंकाएकंदर समुदाय करीबन ४५-५० का है, जिसमे १० या १२ आपश्रीके साथविचरतें हैं, बाकी साधु अलगदेशोमे विचरतें है, एकसाधुनवावासकछमें ६३ के साल काल धर्म प्राप्त हूवा था, श्रीमतीसौभागश्रीजी नामक मुख्यसा
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